Chhattisgarh News : बलौदाबाजार जिले के कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व (Tamor Pingla Tiger Reserve) में गूंजेगी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू बाघ किए गए बाघ को बुधवार को सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
गुरू घासीदास तमोर पिंगला (Tamor Pingla Tiger Reserve) छत्तीसगढ़ का नया टाइगर रिजर्व है। इसका कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 1254.586 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन, 1438.451 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन तथा 136.35 वर्ग किलोमीटर राजस्व क्षेत्र शामिल हैं।
बता दें कि मंगलवार को बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल तहसील में बीते आठ माह से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर बाघ के कसडोल तहसील के ग्राम कोट पहुंच जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग अमला आवश्यक रेस्क्यू सामग्री तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों सहित मौके पर तत्काल पहुंचकर कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया था। नर बाघ को बुधवार सुबह आठ बजे नवगठित गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।
देश का 56वां टायगर रिजर्व (Tamor Pingla Tiger Reserve)
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही भारत सरकार की ओर से ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।