Tuesday, December 3, 2024

IND vs NZ Test Series : स्पिनर्स को खेलना भूले भारतीय शेर… न्यूजीलैंड सीरीज में टॉप ऑर्डर ढेर, देखिए डरावने आंकड़े

India Vs New Zealand Test Series : भारतीय क्रिकेट टीम को अपने घर में न्यूजीलैंड (IND vs NZ Test Series) के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा. शुरुआती दो टेस्ट मैचों में हार के बाद उम्मीद की जा रही थी कि रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम बाउंस बैक करेगी और आखिरी मुकाबला जीतकर सम्मान बचाने में सफल होगी, मगर ऐसा नहीं हो सका. भारतीय शेर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 147 रनों के टारगेट का भी पीछा नहीं कर पाए.

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न्यूजीलैंड के खिलाफ ये हार दिल तोड़ने वाली तो रही ही… साथ ही बेहद शर्मनाक भी रही. टेस्ट इतिहास में पहली बार टीम इंडिया को अपने घर पर तीन या उससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. वहीं अपने घर पर भारतीय टीम 24 साल बाद किसी टेस्ट सीरीज में सभी मुकाबले हारी. इससे पहले भारतीय टीम को साल 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था.

भारतीय बल्लेबाज पूरी सीरीज (IND vs NZ Test Series) में रन बनाने के लिए जूझते रहे. सीरीज का पहला टेस्ट मैच बेंगलुरु में खेला गया था, जहां भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 46 रनों पर ऑलआउट हो गई थी. फिर भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में जरूर शानदार बैटिंग की, मगर वह मुकाबला न्यूजीलैंड जीतने में सफल रहा. इसके बाद पुणे और वानखेड़े की पिच भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्पिनर्स के मुफीद बनवाई, लेकिन ये दांव उल्टा पड़ गया.

पुणे की पिच पर बाएं हाथ के स्पिनर मिचेल सेंटनर ने भारतीय टीम के साथ खेला कर दिया. जबकि वानखेड़े स्टेडियम में लेफ्ट-आर्म एजाज पटेल का जादू चला. सेंटनर ने पुणे टेस्ट में 13 विकेट निकाले थे. वहीं एजाज ने सेंटनर की गैरमौजूदगी में वानखेड़े स्टेडियम की पिच पर 11 विकेट हासिल कर रोहित ब्रिगेड की कमर तोड़ दी. पार्टटाइम स्पिनर ग्लेन फिलिप्स को भी खेलने में भारतीय बल्लेबाजों के पसीने छूट गए.

रोहित-कोहली के बल्ले से निकले सिर्फ 184 रन (IND vs NZ Test Series)

भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन की बड़ी वजह उसका टॉप ऑर्डर बना. कप्तान रोहित शर्मा 6 पारियों में सिर्फ 91 रन बना सके. वहीं किंग कोहली के बल्ले से भी महज 93 रन निकले. कोहली चार पारियों में तो स्पिनर्स का शिकार बने. जबकि हिटमैन रोहित को चार मौकों पर तेज गेंदबाजों ने आउट किया, जबकि दो बार वो स्पिन बॉलर का शिकार बने. रोहित और विराट ने कुल मिलाकर इस सीरीज में 184 रन बनाए.

सरफराज खान ने बेंगलुरु टेस्ट मैच में जरूर 150 रनों की बेहतरीन पारी खेली. लेकिन टर्निंग ट्रैक पर उनकी भी बत्ती गुल हो गई. सरफराज ने पुणे और मुंबई टेस्ट मैच को मिलाकर सिर्फ 21 रन बनाए. स्पिनर्स के सामने उनकी खराब तकनीक भी उजागर हो गई और वो खराब शॉट्स मारकर आउट हुए.

ऋषभ पंत ही कुछ हद तक बढ़िया खेल पाए…

ओपनर यशस्वी जायसवाल भी उम्मीदों के मुताबिक परफॉर्मेंस नहीं दे सके और 6 पारियों में उनके बल्ले से 190 रन निकले. शुभमन गिल का प्रदर्शन भी औसत दर्जे का ही रहा. भारत की ओर से इस सीरीज में सर्वाधिक रन विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने बनाए. टॉप ऑर्डर में पंत ही ऐसे इकलौते भारतीय बल्लेबाज रहे, जिनका इस सीरीज में एवरेज 40 पार रहा.

भारतीय टीम की हार की एक बड़ी वजह गुच्छों में विकेट गंवाना भी रहा. बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम 46 रनों पर ढेर हो गई थी. जबकि दूसरी पारी में उसने आखिरी के सात विकेट 54 रनों पर गंवा दिए. पुणे टेस्ट की पहली इनिंग्स में भारत ने एक समय 53 रनों पर 6 विकेट खोए. जबकि दूसरी पारी में 71 रनों में 6 विकेट गिरे. मुंबई टेस्ट की पहली और दूसरी पारी में भी भारतीय टीम का यही हाल रहा.

सीरीज में धुरंधर बल्लेबाजों का प्रदर्शन (IND vs NZ Test Series)
रोहित शर्मा: 6 पारी, 91 रन, उच्चतम स्कोर 52, औसत 15.16.
विराट कोहली: 6 पारी, 93 रन, उच्चतम स्कोर 70, औसत 15.50
यशस्वी जायसवाल: 6 पारी, 190 रन, उच्चतम स्कोर 77, औसत 31.66
सरफराज खान: 6 पारी, 171 रन,  उच्चतम स्कोर 150, औसत 28.50
ऋषभ पंत: 6 पारी, 261 रन, उच्चतम स्कोर 99, औसत 43.50
शुभमन गिल: 4 पारी, 144 रन, उच्चतम स्कोर 90, औसत 36.00
रवींद्र जडेजा: 6 पारी, 105 रन, उच्चतम स्कोर 42, औसत 17.50
अब WTC फाइनल में पहुंचा आसान नहीं…

न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) की अंकतालिका में भी तगड़ा झटका लगा. अब भारतीय टीम दूसरे स्थान पर फिसल गई है. शर्मनाक हार के चलते भारतीय टीम के WTC फाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है. भारत को अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. WTC फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच में चार टेस्ट जीतने होंगे और एक मुकाबले को ड्रॉ कराना होगा. अगर भारतीय टीम एक भी मैच गंवाती है तो उसे दूसरी टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा.

 

 

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