Saturday, November 23, 2024

Exit Poll : क्या होता है एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल से है कितना अलग

Lok Sabha Election 2024 : एक जून की शाम लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल (Exit Poll)  जारी होंगे। मतदाताओं का रुझान किसके पक्ष में हैं इसका अनुमान एग्जिट पोल से लगता है। मगर यह कितने सटीक होंगे इसका पता तो चार जून को परिणाम वाले दिन ही लगेगा। मगर आज आपको एग्जिट पोल से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं।

ads1

एक जून की शाम को सभी चैनलों पर एक्जिट पोल (Exit Poll) जारी होंगे। इससे यह अनुमान लगता है कि किसकी सरकार बनने वाली है। हालांकि कई बार एग्जिट पोल फेल भी साबित हो चुके हैं। वहीं कई बार एकदम सटीक भी साबित हो चुके हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान लगभग सभी एग्जिट पोल ने मोदी सरकारी की वापसी की भविष्यवाणी की थी।
ये होते हैं एग्जिट पोल

एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे है। मतदान के दिन न्यूज चैनल और एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधि मतदान केंद्रों पर मौजूद होते हैं। मतदान करने के बाद मतदाताओं से चुनाव से जुड़े कुछ सवाल पूछते हैं। उनके जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट के आंकलन से पता चलता है कि मतदाताओं का रूझान चुनाव में किधर है। खास बात यह है कि एग्जिट पोल सर्वे में सिर्फ मतदाताओं को शामिल किया जाता है।

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद कोई भी एग्जिट पोल या सर्वे जारी नहीं किया जा सकता है। अंतिम चरण के मतदान के बाद शाम को वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद ही एग्जिट पोल जारी किया जा सकता है। दरअसल, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126 ए के तहत अंतिम चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल जारी करने पर रोक है। उल्लंघन करने पर दो साल कारावास, जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।

भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार 1998 में एग्जिट पोल की गाइडलाइंस जारी की थी। 2010 में छह राष्ट्रीय और 18 क्षेत्रीय दलों के समर्थन के बाद धारा 126 ए के तहत मतदान के दौरान सिर्फ एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगाई गई थी। हालांकि चुनाव आयोग चाहता था कि ओपिनियन और एग्जिट पोल दोनों पर रोक लगे। बता दें कि ओपिनियन और एग्जिट पोल जारी करते वक्त सर्वे एजेंसी का नाम, कितने मतदाताओं से और क्या सवाल पूछे, यह बताने का भी निर्देश है।

ओपिनियन पोल भी एक चुनावी सर्वे है। मगर इसे चुनाव से पहले किया जाता है। इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। इसमें मतदाता होने की शर्त अनिवार्य नहीं है। इस सर्वे में विभिन्न मुद्दों के आधार पर क्षेत्रवार जनता के मूड का अनुमान लगाया जाता है। जनता को कौन सी योजना पसंद है या नापसंद है। किस पार्टी से कितना खुश है, इसका अनुमान ओपिनियन पोल से लगाा जाता है।

 

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular