Raipur News : राज्य सरकार ने नगर पालिक निगमों के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव (Nagar Nikay Palika Election) प्रत्यक्ष रूप से कराने का निर्णय लिया है। इसके बाद अब निकाय चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ में पिछली बार 2019 में नगरीय निकाय चुनाव के लिए 21 दिसंबर को मतदान हुआ था, जबकि 24 दिसंबर को नतीजे आए थे। इसके लिए 30 नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
लेकिन इस बार चुनाव (Nagar Nikay Palika Election) लगभग एक महीने की देरी होगी। अधिकारियों के अनुसार बजट सत्र के पहले ही नगरीय निकाय चुनाव कराने की तैयारी है। संभावना जताई जा रही है कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में आचार संहिता भी लग जाएगी। जनवरी दूसरे या तीसरे सप्ताह में चुनाव शुरू हो सकते हैं। निकाय व पंचायत चुनाव कई चरणों में कराए जाएंगे।
पांच वर्ष बाद प्रदेश की जनता प्रत्यक्ष रूप से महापौर व अध्यक्ष का चुनाव करेगी। इसे देखते हुए राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा संगठन ने जिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है। ये पर्यवेक्षक प्रदेश चुनाव अधिकारी और जिला इकाई से समन्वय बनाएंगे।
वहीं, कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। दोनों पार्टी के नेता इन दिनों वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने लगे हैं और अपना दावा ठोंक रहे हैं। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 11 दिसंबर को होगा। इसके बाद से ही चुनाव को लेकर अन्य जरूरी काम शुरू होंगे।
दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने मतदाता सूची प्रकाशन के पहले सारे प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरे करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग अटल नगर नवा रायपुर में नगर पालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन कार्यों की तैयारी को लेकर बैठक ली।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को सभी जिला निर्वाचन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्वयं देखें, उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने, मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए। बुधवार को बस्तर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक होगी।