AI Software to diagnose Diabetic Retinopathy : क्या आप सोच सकते हैं कि डॉक्टर आपकी फोटो देखें और आपको बता दें कि आपको डायबिटीज (Diabetic Retinopathy) है या नहीं? यह बात सोचना तो दूर, सुनने में भी आपको मजाक लग रही होगी. लेकिन हम आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से ऐसा मुमकिन होने जा रहा है. अब AI के जरिए एक फोटो को देखकर आसानी से पता चल पाएगा की मरीज को डायबिटीज है या नहीं.
Artificial Intelligence यानी AI कैसे वरदान साबित हो सकता है, इसका उदाहरण दे रहा चंडीगढ़ में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज. यह कॉलेज एक सॉफ्टवेयर बनाने जा रहा है जिसके जरिए मरीज़ को AI की मदद से कम समय और एक फोटो से आसानी से पता चल पाएगा कि वह मधुमेह यानी डायबीटीज से ग्रस्त है या नहीं. इस सॉफ्टवेयर के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज ने 3 साल तक मेडिकल के क्षेत्र में लगभग 15 लाख फोटो को एनालाइज किया और अपने High End GPU’s (Graphical Processing Units) की मदद से डाटा तैयार किया है.
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर पूनम सैनी ने मीडिया को बताया कि ब्लड शुगर यानी डाइबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज बढ़ने के कारण लाइट सेंसिटिव टिश्यू पर असर पड़ने लगता है. ब्लड शुगर के कारण आंख की रेटिना जैसे कई अंग कमजोर पड़ने लगते हैं. ऐसी ही बीमारी है डाइबिटिक रेटिनोपैथी, जिसकी वजह से मरीज देख नहीं पाते हैं.
डायबिटीज का कई बार देरी से पता चलने के कारण मरीज आंखों की रोशनी ही खो देते हैं. इसी बीमारी के हल के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने 3 साल तक रिसर्च करके डाटा तैयार किया है जिससे आसानी से आंखों की एक फोटो खींचकर पता चल पाएगा की मरिज डायबीटिक रेटिनोपैथी से पीड़ित है और अब जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए तैयार टूल या एप से जल्द पता लगाकर इलाज संभव हो सकेगा.