Chhattisgarh News : प्रदेश के राजकीय पशु वनभैंसों (Wild Water Buffalo) को बार नवापारा अभयारण्य से उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में शिफ्ट किया जा रहा है। इन 6 भैंसों को असम के जंगलों से 3 साल पहले लाया गया था।
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस प्लान बना लिया है कि इन्हें कहां और किस तरह सुरक्षित बाड़े में रखा जाएगा। उनके माध्यम से इनकी वंश वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे।
वन भैंसा (Wild Water Buffalo) की नस्ल खत्म होने की कगार पर है। इस वजह से असम से लाना पड़ा। राज्य में अभी 9 वनभैंस हैं, जिन्हें उदंती-सीतानदी के घने जंगल में बाड़ा बनाकर रखा गया है। सभी नर हैं। इसलिए उनके वंश पर संकट है।
इसे दूर करने के लिए 2021 में असम से एक जोड़ी नर व मादा वनभैंस को पकड़कर लाया गया था। उसी समय उन्हें उदंती सीतानदी अभयारण में शिफ्ट करना था, लेकिन कोरोना के कारण प्रक्रिया अटक गई। उसके बाद पिछले साल फिर चार वनभैंस असम से रेस्क्यू कर लाए गए।
उन्हें भी सीधे बार नवापारा में शिफ्ट किया गया। उसके बाद से ही उन्हें उदंती-सीतानदी ले जाने की प्लानिंग थी। अब ये प्रक्रिया शुरू हो सकी है।
करीब 14 साल पहले भी संकट को दूर करने के लिए मादा वनभैंस का क्लोन तैयार किया गया था। इसके लिए हरियाणा स्थित डेयरी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की मदद ली गई थी। क्लोन तैयार हो गया और उसे जंगल सफारी के बाड़े में रखा भी गया, लेकिन नस्ल पर सवाल खड़े हो गए।
उसके बाद उसका डीएनए सैंपल लेकर हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर भेजा गया। तीन साल बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। क्लानिंग पर 14 लाख खर्च किए गए थे।