Chhattisgarh News : टमाटर (Tomato Farming) का रेट आज आसमान छू रहा है. छत्तीसगढ़ में 100 रुपये से लेकर 150 रुपये तक टमाटर बाजार में मिल रहा है. इससे गृहणियों के रसोई में काफी फर्क आ गया है. इन सब का कारण बारिश में फसल नुकसान और मार्केट में टमाटर की आवक नहीं होने की वजह है. टमाटर के चलते भले ही आमलोग परेशान हो लेकिन कई किसानों की किस्मत खुल गई है.
एक किसान ऐसा है जो टमाटर (Tomato Farming) बेचकर रोजाना लाखों रुपये कमा रहा है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के किसान अरूण कुमार साहू अपने 150 एकड़ के अलग-अलग खेतों से रोजाना 600 से 700 कैरेट टमाटर मार्केट में सप्लाई कर रहे है. इससे उन्हें रोजाना 10 लाख रुपये आ रहे हैं. अगर मुनाफे की बात की जाए तो हर रोज उन्हें खर्चा काटकर 6 लाख रुपये की कमाई हो रही है.
पूरे देश में जिस बारिश की वजह से किसानों की फसल चौपट हुई है. इसी बारिश में वे अपने खेतों में बैगन की जड़ में ग्राफ्टिंग कर टमाटर की बंपर पैदावार ले रहे हैं. वर्तमान में वे सब्जी विक्रेताओं को 60 रुपये प्रति किलो यानी 1500 रुपए प्रति कैरेट की दर से टमाटर बेच रहे हैं.
150 एकड़ में सिर्फ टमाटर
आपको बता दे की धमतरी जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर बिरनपुर गांव के किसान अरूण कुमार साहू ने अलग-अलग खेतों में 150 एकड़ में सिर्फ टमाटर (Tomato Farming) लगाए हैं. ये सभी ग्राफ्टिंग पौधे है. जिसमे पौधे तो टमाटर के है, लेकिन इनकी जड़े बैगन की है. यही कारण है कि इतनी बारिश और पानी में भी टमाटर के पौधों में फलों की बंपर पैदावार हो रही है.
ऐसे हुई शुरुआत
धमतरी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 300 एकड़ से ज्यादा में खेती करने वाले अरूण कुमार साहू वर्ष 2007 से खेती कर रहे हैं. उनके इस फिल्ड में आने की रोचक बात ये है कि उन्होंने शुरू से ठान लिया था कि वे नौकरी नहीं करेंगे. यही कारण है कि रायपुर में बीएससी की पढ़ाई के दौरान वे पहले वर्ष की एग्जाम देने के बाद घर लौट आए और इसके बाद उन्होंने अपने पुश्तैनी खेत में पहले धान उगाया, जो बारिश की वजह से खराब हो गया. तब किसानों को धान का सही मूल्य भी सरकार से नहीं मिल रहा था.
नुकसान भी हुआ
इसलिए उन्होंने 105 एकड़ में चने की फसल ली. उस वर्ष तीन दिनों तक लगातार बारिश हुई जिससे ये फसल भी बर्बाद हो गई. इसके बाद उन्होंने हाईटेक खेती करने के लिए किसान विमलभाई चावड़ा से सलाह ली. कृषक अरूण कुमार साहू बताते है कि वे आज अपनी उन्नत खेती के लिए विमल भाई चावड़ा को अपना गुरू मानते है.
150 एकड़ में टमाटर की फसल
कृषक अरूण कुमार साहू बताते है कि वे 300 एकड़ की जमीन में खेती करते है. जिसमे से वर्तमान में वे 150 एकड़ में टमाटर की फसल ले रहे हैं. बाकी में जाम, भाटा समेत अन्य सब्जियों की फसल ले रहे हैं. उनके ये टमाटर (Tomato Farming) वर्तमान में ओड़िशा, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में सप्लाई होते है. वे अपने प्रदेश के व्यापारियों को पहली प्राथमिकता देते है, जिससे यहां टमाटर के दाम तेजी से न बढ़े.