Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव (Panchayat Elections) एक साथ हो सकते हैं। सरकार की ओर से मंत्री अरुण साव ने कहा कि एक समिति बनाई गई है। ये समिति सभी पक्षों पर स्टडी करेगी। इसके बाद मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर सरकार दोनों चुनाव एक साथ करवाने पर फैसला लेगी।
शुक्रवार को नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने मीडिया से कहा कि, वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इस दिशा में सोच रही है। समिति इस बात पर न केवल लोगों की राय लेगी, बल्कि कानूनी जो प्रावधान है उसे भी समझेगी।
साव ने कहा कि, दोनों तरह के निकायों के चुनाव के संचालन के लिए अलग-अलग नियम बने हुए हैं। हम उन सब पर विचार करके एक संभावना कैसे बन सकती है ये देख रहे हैं।
कांग्रेस सरकार ने महापौर के डायरेक्ट इलेक्शन के नियम को बदल दिया था। तय हुआ था कि पार्षद ही महापौर को चुनेंगे। जबकि इससे पहले आम लोग महापौर पद के लिए भी वोटिंग करते थे। अब भाजपा की सरकार पुराने नियम को वापस ला सकती है। इसे लेकर भी काम जारी है। मंत्री अरुण साव ने कहा है कि जरुरत पड़ी तो ऐसा किया जा सकता है।
नगरीय निकाय : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव (Panchayat Elections)साल 2019 के अंत में हुए थे। 21 दिसंबर को 151 निकायों के लिए वोटिंग हुई थी जबकि 24 दिसंबर को नतीजे आए थे।
इसमें 10 नगर निगम, 38 नगर पालिका,103 नगर पंचायत के लिए चुनाव हुआ था। हालांकि, इनमें भिलाई-चरोदा, भिलाई, रिसाली और बीरगांव नगर निगम समेत 15 निकाय शामिल नहीं हैं। इन निगम के चुनाव 20 दिसंबर 2021 को हुए थे और रिजल्ट 23 दिसंबर 2021 को आए थे।
पंचायत चुनाव : प्रदेश में इससे पहले 2020 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) तीन चरण में हुए थे। इसमें 28 जनवरी, 31 जनवरी और 3 फरवरी को मतदान हुए थे। जबकि 30 जनवरी से 6 चरणों में नतीजे आए थे। इसमें पंच-सरपंच के लिए 30 जनवरी, 2 फरवरी और 5 फरवरी को रिजल्ट आया।
वहीं जिला पंचायत के लिए 31 जनवरी, 3 फरवरी और 6 फरवरी को नतीजे आए थे। इसके लिए 30 दिसंबर 2019 से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। उस समय जमानत राशि को भी चार गुना बढ़ाया गया था।