Thursday, November 21, 2024

CG CM RACE : डॉ. रमन, अरूण, विष्णुदेव और ओपी चौधरी सीएम की रेस में आगे…!

Raipur News : छत्तीसगढ़ में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है। चुनाव नतीजे जीतने के बाद बीजेपी बड़ा सरप्राइज दे सकती है। माना जा रहा है कि राज्य में जनता को नए सीएम (CG CM RACE) दिख सकता है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2018 की हार से सीख लेते हुए मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान नहीं किया था। पार्टी ने पीएम मोदी के चेहरे पर ये चुनाव लड़ा। पार्टी का यह फ ॉर्मूला सफल हो गया। अब छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि सूबे की सत्ता कौन संभालेगा।

ads1

सीएम की कुर्सी (CG CM RACE) पर सूबे की सिंहासन पर 15 साल तक बैठे डॉ. रमन सिंह का दावा खारिज तो नहीं किया जा सकता लेकिन ये उतना मजबूत भी नहीं नजर आ रहा। डॉ रमन के अलावा छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व आईएएस और रायगढ़ विधानसभा से प्रचंड बहुमत से जीतने वाले ओपी चौधरी के साथ पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय का नाम सीएम रेस में हैं।

हालांकि बीजेपी अपने फैसलों से चौंकाती रही है। पिछले कुछ सालों में गोवा, महाराष्ट्र, यूपी, हरियाणा, त्रिपुरा समेत तमाम राज्यों में बीजेपी ने जिस तरह से नए चेहरों को सीएम बनाया उसी तरह छत्तीसगढ़ में भी नए और चौंकाने वाले चेहरे सीएम की कुर्सी पर दिख सकते हैं।

डॉ. रमन सिंह : छत्तीसगढ़ में रमन सिंह बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में है, लेकिन उनकी उम्र सीएम की कुर्सी (CG CM RACE) में बाधा बन सकती है। रमन सिंह 71 साल के हैं, जिसके चलते बीजेपी की नजर भविष्य के नेता की है। रमन सिंह चुनाव जीतने में सफ ल रहे हैं, लेकिन सीएम पद पर अपनी दावेदारी खुलकर पेश नहीं कर पा रहे हैं। बीजेपी जैसे ही 50 सीट पर आगे बढ़ती नजर आई तो रमन सिंह ने जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया। हालांकि उन्होंने अपने 15 साल के कार्यकाल को जोड़कर सीएम पद की दावेदारी पेश कर दी है।

 

अरूण साव : बीजेपी ने भूपेश बघेल के खिलाफ ओबीसी दांव खेला था और पार्टी संगठन की कमान अरुण साव को मिली थी। अरुण साव बीजेपी के सांसद हैं और पार्टी ने उन्हें विधानसभा का चुनाव भी लड़ाया है, जिसके चलते उन्हें भी सीएम के रेस में माना जा रहा है। साल 2003 में भी बीजेपी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था और चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रमन सिंह को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप दी थी। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पद पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का दावा मजबूत माना जा रहा है।

 

ओपी चौधरी : ओम प्रकाश (ओपी) चौधरी पूर्व आईएएस हैं। ओपी चौधरी 2018 विस चुनाव के पहले आईएएस की नौकरी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए। अपने गृह विधानसभा खरसिया से चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के उमेश पटेल से हार का सामना करना पड़ा। इस बार उन्होंने अपनी सीट बदली और रायगढ़ विस से चुनाव लड़े। प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। ओपी चौधरी पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। रायगढ़ में रोड शो के दौरान शाह ने चुनाव जिताने पर बड़ा आदमी बनाने की बात कही थी। इससे मुख्यमंत्री की रेस (CG CM RACE) में शामिल हैं।

 

विष्णुदेव साय : छत्तीसगढ़ में लंबे समय से आदिवासी सीएम बनाने की मांग लगातार उठ रही है। अब तक यह मांग पूरी नहीं हो पायी है। भाजपा ने 2014 के बाद से हर चुनाव में आदिवासी समुदाय पर फोकस किया है। राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू की नियुक्ति में भी एक संदेश था। पीएम मोदी ने चुनावों के बीच में झारखंड में आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा के गांव का दौरा किया था। यह भी आदिवासियों को संकेत देने का एक तरीका था। ऐसे में आदिवासी समुदाय से विष्णुदेव साय एक बड़ा नाम है। वे पांच बार के सांसद रह चुके हैं। तीन बार प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं। मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें भी कुनकुरी से विस चुनाव लड़ाया। 25 हजार से अधिक वोटों से जीतकर आ रहे हैं। ऐसे में वे भी सीएम की रेस में नजर आ रहे।

 

इन्हें मंत्रिमंडल में मिल सकता है मौका : बीजेपी सीएम फाइनल करने के बाद मंत्रिमंडल का गठन करेगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी भविष्य को ध्यान में रखते हुए अनुभव और युवाओं को तरजीह देगी। अनुभवी नेताओं की बात करेंं तो बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, लता उसेंडी, गोमती साय, रेणुका सिंह शामिल हैं। वहीं युवा चेहरों की बात करें तो ओपी चौधरी, विजय शर्मा, भावना बोहरा जैसे नाम शामिल हैं।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular