Raipur News : छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनावों से पहले कांग्रेस ने कई सारे लोक-लुभावन वादे किए थे। इनमें कर्ज माफी, मुफ्त बिजली, कैश स्कीम और एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी प्रमुख हैं। मगर, जब नतीजे आए तो ये सब असफ ल होते दिखे जबकि महिला मतदाताओं (Women Voters) के लिए प्रोत्साहन भाजपा को काम आ गया। इन तीन राज्यों में समाप्त हुए विधानसभा चुनाव मुफ्त या रेवड़ी की राजनीति का भी संकेत देते हैं।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के सीनियर नेता इसे लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे। कांग्रेस के लिए भले उसकी घोषणाएं काम न आईं लेकिन भाजपा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की महिला मतदाताओं (Women Voters) को अपनी ओर आकर्षित करने में सफ ल रही। बीजेपी ने महिलाओं को ध्यान में रखकर चुनाव से ठीक पहले कई योजनाओं की घोषणा कर दी।
इसी साल मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महिला वोटर्स पर फ ोकस किया था जिसका उसे सीधा लाभ मिला। इसके बाद तो महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता का वादा करने की चुनावी रणनीति जोर पकडऩे लगी। लगभग सभी कांग्रेस शासित राज्यों और मध्य प्रदेश जैसे राज्य में भी यह चलन देखा गया।
इससे पहले 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यही बताते हैं कि कैसे महिला मतदाताओं (Women Voters) ने बड़ा उलटफेर किया। टीएमसी चीफ व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी महिला मतदाताओं को 500 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जिसे लक्ष्मी भंडार नाम दिया गया था। कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता का ऐलान किया और इस योजना को गृह लक्ष्मी बताया। चुनाव के नतीजे जब आए तो साफ हो गया कि महिला केंद्रित इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
महिलाओं को 12 हजार का सालाना भत्ता : कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस ने महिला मतदाताओं के लिए आर्थिक सहायता योजना को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना लिया। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसी तरह की योजनाओं का ऐलान किया गया। दूसरी ओर, भाजपा शुरू में तो महिला मतदाताओं को वित्तीय सहायता के चुनावी वादे का विरोध करती नजर आई मगर बाद में रुख बदल गया। बीजेपी ने भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी तरह के पैकेज का प्रस्ताव रख दिया।
एमपी के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मौजूदा लाडली बहना योजना के लिए राशि बढ़ा दी। साथ ही भाजपा आलाकमान ने छत्तीसगढ़ के लिए अपने घोषणा पत्र में महिलाओं की खातिर वित्तीय सहायता को शामिल किया। पार्टी ने विवाहित महिला वोटर्स के लिए वार्षिक भत्ते के तौर पर 12,000 रुपये देने का प्रस्ताव रखा। इस योजना की घोषणा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में की थी। अब नतीजों से साफ है कि कैसे भाजपा महिला केंद्रित योजनाओं से तीनों राज्यों में बढ़त बनाने में कामयाब रही है।