Shri Ram Sukma Visit : त्रेता युग में 14 वर्ष वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य यानी कि बस्तर में भी काफी समय गुजारे थे. इस दौरान सुकमा जिले के रामाराम भी पहुंचे थे. वहां अब पत्थरों की जुबानी श्रीराम की कहानी बताई जा रही है. यहां छत्तीसगढ़ का पहला रॉक गार्डन (Rock Garden) तैयार किया गया है.
रॉक गार्डन (Rock Garden) के अंदर बना गुफा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गुफा के अंदर भगवान राम की जीवनी को तस्वीरों में दर्शाया गया है. उनके जन्म से लेकर वनवास काल और फिर सीता हरण के बाद रावण के वध को तस्वीरों के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है. नैसर्गिक पेड़ पौधों के बीच रॉक गार्डन का निर्माण किया गया है. इस वजह से यहां प्राकृतिक सौंदर्य की अलग छठा बिखरी हुई है.
श्रीराम वनगमन पथ में सम्मिलित नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के रामाराम की पहाड़ी पर जिला प्रशासन ने साढ़े छह हजार स्कवायर मीटर में रॉक गार्डन (Rock Garden) का निर्माण किया है. जिसके दीवारों पर पत्थर और आर्टिफिशयल स्कल्पचर से मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन को उकेरा गया है.
दंडकारण्य में जहां-जहां भगवान राम के पग पड़े उन जगह को छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा राम वन गमन परिपथ से जोड़कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. वनवास काल के दौरान भगवान राम सुकमा के रामाराम में ठहरे हुए थे और यहां माता चिटमिट्टिन की पूजा अर्चना की थी. जिसके चलते यहां प्रसिद्ध चिटमिट्टिन माता मंदिर का निर्माण कई सौ साल पहले किया गया है.
रामाराम के चिटमिट्टिन देवी का ऐतिहासिक मंदिर है
रॉक गार्डन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए ओपन थिएटर की योजना बनाई गई है. इसके अलावा गार्डन के अंदर मानव मुद्रा को प्रदर्शित करती चट्टानों से बनी प्रतिमाएं स्थापित की गई है. जो मनुष्य की अभिव्यक्तियों को दर्शाता है. इसके अलावा एक प्रभावशाली प्रवेश द्वार बनाने के लिए दो हाथियों की मूर्तियां रखी गई है.
रामाराम के चिटमिट्टिन देवी का ऐतिहासिक मंदिर है जो इलाके में बड़े आस्था के केंद्र के रूप में जाना जाता है. लोगों की मान्यता के अनुसार वनवास काल के दौरान भगवान राम यहां रुके थे और माता की पूजा अर्चना की थी.
यही कारण है कि सुकमा जिले के रामाराम में स्थित इस मंदिर में छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्य से भी बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं अब इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने से पर्यटन को बढ़ावा भी मिल सकेगा.