Raipur News : विभिन्न मांगों को लेकर राज्य शासन से सहमति बनने के बाद भी प्रदेश के राइस मिलर्स (Rice Millers) कस्टम मिलिंग को तैयार नहीं है। राइस मिलरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे कैबिनेट से पास नहीं होगी,तब तक वे शासन से किसी भी प्रकार से एग्रीमेंट नहीं कराएंगे। गुरुवार को प्रदेश के कई क्षेत्रों में राइस मिलरों ने इसे लेकर विरोध भी किया। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा नहीं हुई।
लंबित मांगों को लेकर राज्य शासन से सहमति के बाद मिलरों ने पंजीयन कराना शुरू कर दिया है। अभी तक प्रदेश के करीब 500 राइस मिलरों (Rice Millers) ने अपना पंजीयन भी करा लिया है,लेकिन राइस मिलर एग्रीमेंट करने से इंकार कर रहे है। छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि राइस मिलरों ने तय किया है कि उनकी मांगें कैबिनेट से पास होने के बाद ही राज्य शासन से एग्रीमेंट किया जाएगा।
राइस मिलरों के पंजीयन में सबसे बड़ी बाधा के रूप में प्रोडक्शन सर्टिफिकेट आ रहा था। इसके चलते वर्ष 2014 के राइस मिलरों को परेशानी हो रही है और वे पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। राज्य शासन ने इसे देखते हुए प्रोडक्शन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दो माह की छूट दी है। बकाया भुगतान के साथ ही राइस मिलरों से कैमरा हटाने सहित कई मांगों को लेकर राइस मिलरों ने इस वर्ष कस्टम मिलिंग नहीं करने का निर्णय लिया था। इस पर 30 नवंबर को राज्य शासन के साथ सहमति बन गई थी और राइस मिलर कस्टम मिलिंग के लिए तैयार हो गए थे।