Wednesday, April 30, 2025
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PM Modi : मोदी ने अब राजस्थान में भी चौंकाया, जानें कब-कब दे चुके हैं सरप्राइज

Prime Minister Modi : मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सियासी जंग फतह करने के बाद बीजेपी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सरप्राइज (PM Modi) दे रही है. छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की जगह विष्णुदेव साय, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर मोहन यादव और अब राजस्थान में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बदले भजनलाल शर्मा.

 

जाहिर है मोहन यादव हों, विष्णुदेव साय हों या फिर भजनलाल शर्मा, इनके नामों की चर्चा दूर-दूर तक नहीं थी, लेकिन उनको सत्ता की कमान देकर सभी को चौंका दिया गया है. इन राज्यों में जिन नेताओं के नामों की सीएम बनाने के कयास लगाए जा रहे थे, वे सभी खाली हाथ रह गए हैं.

 

पीएम मोदी के राज में बीजेपी ने अपने फैसले से पहली बार नहीं चौंकाया बल्कि 2014 के बाद से मुख्यमंत्री के नाम से लेकर कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल और राष्ट्रपति तक को लेकर सरप्राइज नाम सामने आए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर अपने फैसलों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.

 

फिर चाहे वो अचानक पाकिस्तान पहुंच कर उस वक्त के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की बात हो या फिर आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला. पीएम मोदी ने नोटबंदी के फैसला करके नींद उड़ा दी थी तो जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया था.

 

2014 के बाद मोदी-शाह की जोड़ी ने बीजेपी के फैसलों में बार-बार चौंकाया है. पीएम मोदी अपने किसी फैसले की भनक मीडिया को नहीं लगने देते. चाहे 2017 में यूपी में योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने का फैसला हो या उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलना.

 

2014 में केंद्र की सियासत में पीएम नरेंद्र मोदी के विराजमान होने के बाद हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, झारखंड में रघुबर दास और महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया था. मनोहर लाल और फडणवीस 2014 में पहली बार विधायक बने थे, उन्हें सीएम बना दिया था.

 

बीजेपी ने साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा में 15 साल के बाद सफलता हासिल की थी. पीएम मोदी के चेहरे पर ही यह चुनाव भी लड़ा गया था और बीजेपी गठबंधन ने 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिसके बाद मनोज सिन्हा से लेकर केशव प्रसाद मौर्य तक के नाम की चर्चा चल रही थी.

मोदी-शाह ने सत्ता की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपकर सभी को चौंका दिया था. इसके बाद गुजरात में आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को सीएम बनाकर सरप्राइज दिया था. इसके बाद विजय रुपाणी को हटाया गया तो नितिन पटेल के सीएम बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन पीएम मोदी ने भूपेंद्र पटेल को सीएम की कुर्सी पर बैठाकर आश्चर्यचकित कर दिया था.

हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर को सीएम बनाकर सरप्राइज दिया था तो उत्तराखंड में सीएम बदलने का सियासी प्रयोग किया और हर बार चौंकाया. पुष्कर सिंह धामी के नाम की भनक किसी को भी नहीं लगी और लोग अनिल बलूनी से लेकर सतपाल महाराज तक की चर्चा कर रहे थे.

इसके अलावा यूपी में 2017 में दिनेश शर्मा और 2022 में बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाकर भी सभी को आश्चर्य में डाल दिया था. बिहार में 2020 में नीतीश कुमार के अगुवाई में सरकार बनी तो बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे. सुशील मोदी को प्रदेश की राजनीति से दिल्ली लाया गया और उनकी जगह रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाकर सारे कयासों पर विराम लगा दिया था.

मोदी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट से लेकर अभी तक किन नेताओं को शामिल करना है और किन्हें नहीं. यह बात पीएम मोदी और अमित शाह के सिवा किसी को भनक नहीं लगी. इतना ही नहीं कैबिनेट विस्तार के दौरान भी मोदी सरकार अपनी कैबिनेट से किन नेताओं की छुट्टी की और किसे शामिल किया.

प्रकाश जावेड़कर से लेकर रवि शंकर प्रसाद, कलराज मिश्रा और राज्यवर्धन सिंह राठौर की कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई तो किसी को भी यह अंदेशा नहीं था, लेकिन पीएम मोदी ने करके दिखाया. अश्विनी वैष्णव और जय शंकर को पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल कर सभी को चौंका दिया था. 2019 में राजनाथ सिंह से गृहमंत्रालय लेकर अमित शाह को सौंपा गया तो भी किसी को यकीन नहीं हो रहा था.

 

2014 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी ने कश्मीर में अपने वैचारिक विरोधी पीडीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. यह गठबंधन बीजेपी के लिए आश्चर्यचकित करने वाला था. इतना ही नहीं मो. सईद मुफ्ती के निधन के बाद महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन कुछ दिनों के बीजेपी ने गठबंधन तोड़ लिया.

इसके चलते राष्ट्रपति शासन लागू हो गया जबकि कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस से मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फैक्स मशीन खराब होने का हवाला देकर इंकार कर दिया था. इसके बाद ही 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करके मोदी सरकार ने देश को सरप्राइज दिया था.

पीएम मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद राज्यपालों की नियुक्ति में हर बार सरप्राइज दिया गया है. सीएम योगी के विरोधी माने जाने वाले शिव प्रताप शुक्ला को केंद्रीय मंत्री बनाने से लेकर राज्यपाल तक बनाने का फैसला करके सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था, क्योंकि वो लंबे समय से साइडलाइन में चल रहे थे.

इसी तरफ थावरंचद गहलोत केंद्र में मोदी सरकार के सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में से एक माने जा रहे थे, लेकिन उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाकर भेज दिया. इसी तरह कलराज मिश्रा से लेकर कल्याण सिंह तक के नाम शामिल रहे हैं.

वहीं, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दो बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ है, दोनों ही बार पीएम मोदी ने सरप्राइज दिया है. पहली बार रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाने के लिए नाम घोषित किया गया तो लोग आश्चर्य में पड़ गए.

 

इसी तरह से द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनाने के समय भी हुआ. इस तरह से तमाम नेताओं के नाम चल रहे थे, लेकिन पीएम मोदी ने आदिवासी समुदाय से पहली महिला राष्ट्रपति बनाकर इतिहास रच दिया था. उपराष्ट्रपति में वैंकेया नायडू और जगदीप धनखड़ के समय भी पीएम मोदी ने सरप्राइज दिया था.

पीएम मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री कई चौंकाने वाले कई फैसले किए हैं. 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट पर रोक लगा दी थी. सरकार के फैसले ने देशभर में खलबली मचा दी थी. इसके बाद देश में लागू की जीएसटी कर दिया जबकि सीएम रहते हुए विरोध कर रहे थे. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था.

 

इसके दो हफ्ते बाद 26 फरवरी 2019 को भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था, जिसकी उम्मीद देश में किसी को भी नहीं थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने तब सारी दुनिया को चौंका दिया जब 2015 में वो बिना किसी पूर्व निर्धारित दौरे के अचानक पाकिस्तान पहुंच गए. क्रिसमस का मौका था. प्रधानमंत्री अफगानिस्तान से भारत लौट रहे थे, किसी को इस बात की खबर नहीं थी कि प्रधानमंत्री की पाकिस्तान जाने की कोई योजना है लेकिन काबुल से लौटते हुए मोदी अचानक लाहौर एयरपोर्ट पर उतरे.

 

उस दिन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का जन्मदिन था मोदी ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी और कुछ देर के लिए उनके घर भी गए. हालांकि बाद में पीएम के इस पाक दौरे को लेकर कई सवाल भी उठे लेकिन पीएम की तरफ से इसे पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की एक कोशिश बताया गया. इस तरह समय-समय पर पीएम मोदी अपने कदम और फैसले से लोगों को सरप्राइज करते रहे हैं.

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