Raigarh News : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला मुख्यालय स्थित मिनी माता चौक रात के अंधेरे में टूट गया है। अब इसे किसी शरारती तत्वों ने तोड़ दिया या फिर एक्सीडेंट होने की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ है। इसका पता नहीं चल सका है, लेकिन इस मामले में बीजेपी प्रदेश महामंत्री और रायगढ़ विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी (OP Choudhary) ने स्थानीय निगम प्रशासन से मिनीमाता चौक को तत्काल ठीक करने की मांग की है।
भाजपा नेता ओम प्रकाश चौधरी (OP Choudhary) ने एक्स (टि्वटर) पर लिखा कि – पूजनीय मिनीमाता जी के चौक रायगढ़ में रात में टूट गया है या तोड़ दिया गया है। नगर निगम रायगढ़ इसे तत्काल ठीक कराये, साथ ही दोषियों पर तत्काल कार्यवाही करे…नहीं तो हमारी पार्टी सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।
कौन हैं मिनीमाता : साल 1931 में असम के नुवांगांव के ग्राम जमुनामुख में जन्मी मीनाक्षी देवी, जिन्हें आज छत्तीसगढ़ का सतनामी समाज ममतामई मां मिनीमाता के नाम से जानता है। साथ ही उनकी पूजा होती है। बताया जाता है कि असम में अकाल की स्थिति के दौरान मिनीमाता के दादा जीविकोपार्जन के लिए छत्तीसगढ़ के मुंगेली ग्राम में रहने लगे थे। मिनी माता की शुरुआती शिक्षा असम में हुई। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में अपने आगे की पढ़ाई की।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य में शुक्ल बंधुओं का राज हुआ करता था। प्रदेश की राजनीति में जो शुक्ल बंधुओं के खिलाफ वाला खेमा था, उसने मिनीमाता को सांसद बनवाया। वहीं, एससी समाज के बीच एक बड़ा मैसेज देने का काम किया, जिसमें मिनीमाता को ममतामई माता का नाम दिया।
वह सांसद रहीं और छत्तीसगढ़ के दलित समाज में उन्होंने काम किया। उस समय से ही एससी समाज के लोगों ने उन्हें समाज सुधारक के रूप में ममतामई मां मिनी माता का नाम दिया। समय के साथ वह राजनीति में सक्रिय होती गईं। उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और सतनामी समाज में उन्हें देवी के रूप में पूजा जाने लगा।
सतनामी समाज के पास पहले से उनके संत बाबा गुरु घासीदास हैं। इनके बाद वह मिनी माता को पूजते हैं। आज पूरे प्रदेश में मिनी माता को छत्तीसगढ़ में बड़ा सम्मान दिया जाता है। वहीं, प्रदेश की कई योजनाओं को उनके नाम से चलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई चौक चौराहे सड़कों का निर्माण मिनी माता के नाम पर किया गया है।
साल 1955 में उपचुनाव जीतकर पहली महिला सांसद बनने का मिनी माता को गौरव प्राप्त हुआ। 1957 में एक बार फिर संसदीय क्षेत्र रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग से जीतकर सांसद बनीं। 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में संयुक्त संसदीय क्षेत्र रायपुर बिलासपुर दुर्ग में चुनाव जीतीं। साल 1967 में जांजगीर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतकर दमदार प्रतिनिधि होने का गौरव प्राप्त किया।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि पंडित रविशंकर शुक्ल के समय मिनी माता रायपुर से सांसद चुनी गईं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पंडित रविशंकर शुक्ल जैसे बड़े नेता मिनी माता का सम्मान करते थे। मिनी माता ने राजनीति में रहते हुए बाल विवाह, दहेज, छुआछूत, गोवध जैसे कार्यों का विरोध किया। साल 1972 के अगस्त माह में दिल्ली से रायपुर आते वक्त मिनी माता का सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया था।