Wednesday, April 30, 2025
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Cg Election 2023 मुद्दा :- सड़कों के विकास ने बदल दी थी छत्तीसगढ़ की तस्वीर, पिछले 6 सालों में निर्माण की रफ्तार पर लगी ब्रेक, क्या हुआ सड़को का हाल देखें वीडियो

रायपुर। छत्तीसगढ़ ने पिछले डेढ़ दशक में विकास के नये आयाम स्थापित कर विकसित राज्य की पहचान बनाई। राज्य में आए बदलाव से छत्तीसगढ़ बीमारू से विकसित प्रदेशों की पंक्ति में उदाहरण बन कर खड़ा हुआ। विकास की इस राह में सबसे ज्यादा योगदान प्रदेश की सड़कों और बीजेपी शासनकाल का रहा है। हालांकि जिस रफ्तार से पिछले डेढ़ दशकों में सड़कों का जाल बिछा, उस पर पिछले 5-6 सालों में उसकी गति पर ब्रेक लग गया। नए सड़कों के निर्माण की गति न सिर्फ कम हुई, बल्कि उसका मेंटनेंस नहीं होने के कारण वर्तमान में प्रदेश के सड़कों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। पिछले 6 सालों के दौरान प्रदेश में 11 साै किमी एनएच, 500 किमी राज्यमार्ग की सड़कें बनी 3 सौ किमी जिला मार्ग और 3 हजार किमी ग्रामीण की सड़कें बनाई गई है। जबकि पिछले डेढ़ दशक में इसकी रफ्तार काफी अधिक था।

1 नवंबर 2000 को जब मध्य प्रदेश का पुनर्गठन हुआ और छ्त्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर भारत का 26वां राज्य बना तो प्रदेश में सड़कों की हालत बेहद ही बदहाल थी। सड़कें गड्डों में तब्दील हो चुकी थी। अच्छी सड़कें विकास की धुरी होती है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2000-01 में महज 35 हजार किलोमीटर सड़कें थीं, लेकिन पिछले डेढ़ दशक में छत्तीसगढ़ का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया। इसमें भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी का भी बड़ा हाथ था।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के समय देश को आधुनिक विकसित सड़कों से जोड़ने वाले युग का शुभारंभ हुआ। ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों ने एक तरह से ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया। छत्तीसगढ़ में भी सड़कों के निर्माण, उनके सुदृढ़ीकरण पर राज्य सरकार ने विशेष ध्यान दिया। सड़कें विकास की संवाहक है। भाजपा सरकार द्वारा सड़कों के माध्यम से विकास के रथ को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम व्यापक दूरदृष्टि के साथ लगातार किया गया। इसकी वजह से प्रदेश में सड़कों की लंबाई 35 हजार से 36 हजार किमी पहुंच गई थी।

2000-01 में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़काें की कुल लंबाई 35 हजार 388 किमी थी। जिसमें 1827 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), 2073 किमी राज्य मार्ग, 3094 किमी मुख्य जिला मार्ग, 28 हजार 392 किमी ग्रामीण सड़क थे। बीजेपी ने पहले पांच साल के शासनकाल में इसे एनएच 2227 किमी, राज्य मार्ग 3213 किमी, जिला मार्ग 4814 और ग्रामीण सड़कों को 25811 किमी तक पहुंचाया। फिर लगातार 2007 से 2016 तक प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 32 हजार 843 किमी पहुंचाया। जिनमें 3073 किमी एनएच, 4462 राज्यमार्ग, 11258 किमी जिला मार्ग और 14050 किमी ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाया।

2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ और सरकार कांग्रेस की आयी। वर्तमान में प्रदेश में सड़कों की स्थिति की बात करें तो कुल सड़कों की लंबाई 34765 किमी है। जिनमें 3526 किमी एनएच, 4137 किमी राज्य मार्ग, 11580 जिला मार्ग, 15522 किमी ग्रामीण सड़कें हैं। मतलब पिछले पांच सालों की बात करें तो केवल एनएच सड़कों का काम हुआ। 500 किमी राज्यमार्ग की सड़कें बनी 3 सौ किमी जिला मार्ग और 3 हजार किमी ग्रामीण की सड़कें बनाई गई है। बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का काम केंद्र सरकार का होता है। राज्य सरकार राज्य और ग्रामीण सड़कें बनवाती है। ग्रामीण सड़कें भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए केंद्र से ही पैसा मिलता है। बावजूद इसके पिछले पांच सालों में सड़कों को लेकर कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ।

Most Popular