Raigarh News : ओडिशा हिमगीर की भाटिया वॉशरी पर एकाधिकार की लड़ाई में जो आग लगी है, उसकी लपटें रायगढ़ को भी जलाएंगी। आने वाले समय में यही अदावत सुंदरगढ़ से लेकर रायगढ़ तक बहुतों को झुलसाएगी। हिमगीर पुलिस ने शनिवार को भी एक एफआईआर दर्ज की है जिसमें ओडिशा के मशहूर कोल कारोबारी बंटी डालमिया समेत रायगढ़ के रवि गुप्ता, पंकज गुप्ता, तारा श्रीवास समेत 50 अन्य के नाम दर्ज हैं।
सोचने की बात है कि आखिर एक कोल वॉशरी के कारण इतने सारे कोयला कारोबारी गुत्थमगुत्था क्यों हो गए। आखिर क्या वजह रही होगी, जिसने इन सबको दो धड़ों में बांटकर एकदूसरे के खून का प्यासा बना दिया। भाटिया कोल वॉशरी हिमगीर कहानी ऐसी है जिसमें नौ रसों में से सात का समावेश मिलेगा। रायगढ़ जिले ने ऐसे हालात कभी नहीं देखे थे जो आज हैं। ओडिशा की इस कोल वॉशरी में भरत अग्रवाल, रवि गुप्ता और पवन नामक तीन लोगों की भागीदारी थी। बाद में वॉशरी पर एकाधिकार करने को लेकर भरत एक तरफ हो गया और बाकी दोनों एक तरफ।
यहां एंट्री हुई इंड सिनर्जी के एक पार्टनर बंटी डालमिया की। सूत्रों के मुताबिक बंटी ने इस मामले को भरत के खिलाफ इस्तेमाल किया और रवि का साथ दिया। बंटी डालमिया का पूरा कारोबार ओडिशा में था लेकिन हाल में वह रायगढ़ जिले में भी पैर पसार चुका है। बंटी की एंट्री ने भरत के सामने रवि को मजबूती से खड़ा कर दिया। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात मुजा, बरपाली, सुंदरगढ़ और रायगढ़ में जो भी हुआ, वह सब इसी अदावत से उपजी प्रतिक्रिया थी। दोनों पक्षों ने एकदूसरे पर हमला बोला।
हिमगीर पुलिस ने पहले भरत अग्रवाल, रविंद्र भाटिया व उनके पुत्र, निर्मल शर्मा समेत 200 से अधिक लोगों पर अपराध दर्ज किया था। 17 की गिरफ्तारी भी हुई और अदालत से जमानत भी हो गई। शनिवार को हिमगीर थाने में ही घनश्याम उर्फ बंटी डालमिया, रवि गुप्ता, सुरेश गुप्ता, पवन शर्मा, पंकज गुप्ता, संदीप शर्मा, तारा श्रीवास समेत 50 लोगों के विरुद्ध धारा 329(3), 126(2), 296, 115(2), 118(1), 118(2), 109, 351(2), 351(3), 310(2), 324(4), 324(5), 326(1) और 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
पहली बार किसी मामले में बंटी डालमिया पर नामजद एफआईआर हुई है। राकेश अग्रवाल निवासी कृष्ण वाटिका की शिकायत पर अपराध कायम हुआ है। सोचिए कि सुंदरगढ़ निवासी की शिकायत पर भरत के विरुद्ध अपराध दर्ज हुआ। और अब रायगढ़ निवासी की शिकायत पर बंटी के खिलाफ मामला कायम हुआ है। यही कोल वॉशरी क्यों? सवाल यह उठता है कि ओडिशा के एक कोयला कारोबारी की वजह से रायगढ़ शहर के दो पार्टनर एकदूसरे की जान के दुश्मन क्यों बन गए। ऐसी कोल वॉशरी तो और भी होंगी।
दरअसल भाटिया वॉशरी बरपाली की लोकेशन किंडा और कुल्दा माइंस के बीच में है। कुल्दा माइंस में ट्रांसपोर्टिंग का पूरा काम बंटी और उसके पार्टनर देखते हैं। वहां कोई और ट्रांसपोर्टर एंट्री ही नहीं कर सकता। वहां बंटी ग्रुप का वर्चस्व है। इनको माइंस के पास कोई ऐसा ठिकाना चाहिए, जहां कोयला सुरक्षित तरीके से डंप किया जा सके। कई प्लांट वॉश्ड कोल की डिमांड करते हैं। यह वॉशरी जिसके हाथ में होगी, वह भरपूर कमाई करेगा। ओडिशा में खनिज विभाग और पुलिस बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहती।
साढ़े नौ एकड़ में फैली वॉशरी सुंदरगढ़ जिले के ग्राम मुजा, बरपाली में 0.96 टन प्रतिवर्ष की क्षमता वाली वॉशरी 2019 में स्थापित हुई। वॉशरी को 30 सितंबर 2024 तक अनुमति मिली है। करीब साढ़े नौ एकड़ में फैली वॉशरी में एकाधिकार करने के लिए भरत अग्रवाल भारी पड़ रहा था। तब बंटी डालमिया के सपोर्ट ने रवि गुप्ता को भी ताकत दी। वहीं से दोनों पक्ष एकदूसरे से भिड़ गए। इसके पहले तो कई महीनों से बातचीत और अदालती कार्यवाही का दौर चल ही रहा था।
लेकिन मामला सुलझ नहीं रहा था। विधानसभा चुनाव में बदले समीकरण! इस पूरे घटनाक्रम में सियासत का भी एक चैप्टर है, जिसको अलग नहीं रखा जा सकता। इसकी कहानी लोकसभा चुनाव और ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान ही लिखी गई। सुंदरगढ़ जिले में सात विधानसभा सीटें हैं। यहां से भाजपा के जुएल ओराम सांसद बने हैं। जबकि विस की सात सीटों पर भाजपा ने दो ही सीटें हासिल की।
सुंदरगढ़ सीट पर बीजेडी के जोगेश कुमार सिंह ने भाजपा की कुसुम टेटे को 9122 वोटों से हराया। प्रचार के दौरान बंटी डालमिया को भाजपा का समर्थन करने कहा गया था। सूत्रों के मुताबिक कई बड़े नेताओं ने भी बंटी को संदेश भेजा था। लेकिन बंटी और पीलू नंदा ने बीजेडी के जोगेश का सपोर्ट किया। वह जीत भी गया है। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई। अब मामला उलट गया है।
रायगढ़ में क्या होगा असर : ओडिशा के सुंदरगढ़ में हुए गोलीकांड जितने लोगों पर भी नामजद एफआईआर हुई है, उनमें बंटी और निर्मल को छोड़कर सभी रायगढ़ के हैं। बीते दो दिनों में रायगढ़ शहर में भी ऐसे कई घटनाक्रम हुए हैं, जिससे पता चलता है कि आने वाले दिनों में यहां भी गैंगवॉर के हालात बन चुके हैं। कोल वॉशरी में जिन लोगों के बीच फायरिंग हुई, उनमें रायगढ़ बहुत से युवक शामिल थे। चिंता की बात यह है कि रायगढ़ शहर में इतने अवैध हथियार और इसको चलाने वाले अपराधी मौजूद हैं। किसी भी दिन गैंगवॉर छिड़ सकता है।