Bilaspur News : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के स्टाफ उप समिति ने अनियमितता बरतने वाले कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। किसानों के बैंक खातों में जमा पैसे में हेराफेरी करने वाले 5 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। वहीं, दो कर्मचारियों का डिमोशन किया है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्टाफ उप समिति की बैठक कलेक्टर और प्राधिकृत अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें उपायुक्त सहकारिता और उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर, सदस्य उप संचालक कृषि, कृषि विभाग बिलासपुर, सदस्य एवं बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शामिल हुए।
जिन कर्मचारियों पर गड़बड़ी और किसानों की जमापूंजी गबन करने का गंभीर आरोप लगे हैं। उनकी अलग से जांच कराई गई है। कमेटी की जांच रिपोर्ट में शिकायतों की पुष्टि की हुई और कर्मचारियों को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट में इन कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। जांच कमेटी की अनुशंसा पर स्टाफ समिति ने उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।
इन कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त : जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा शाखा के कनिष्ठ लिपिक करुणेश कुमार चंद्राकर ने बलौदा के कोरबी शाखा के डोंगरी निवासी ऋणि सदस्य रामकुमार पिता रंगनाथ को दीर्घ कृषक के रूप में केसीसी ऋण वितरण पात्रता से अलग किया था, जिसकी जांच में उसे दोषी पाया गया।
इसके साथ ही एक अन्य मामले में अकलतरा शाखा के पुराना रिवॉल्विंग खाता जिसमें दो मार्च 2013 को एक करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 रुपए का तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा समायोजन किया गया था, जो कि पूर्णतः गलत था। राशि का उपयोग समिति को भुगतान करने और धान खरीदी भुगतान के लिए उपयोग कर लिया गया है। एक करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 रुपए की बैंक को क्षति पहुंचाए जाने पर उसे आरोप पत्र जारी किया गया है।
मालखरौदा के संस्था प्रबंधक विरेंद्र कुमार आदित्य और कनिष्ठ लिपिक प्रवीण कुमार शर्मा ने मिलकर सीपत निवासी पंकज भूषण मिश्रा और शांता देवी मिश्रा के संयुक्त खाते में जमा 95 हजार रुपए को अलग-अलग तारीख में मालखरौदा शाखा से आहरण कर गबन कर लिया गया है। जिसकी जांच में आरोप प्रमाणित होने पर उन्हें दोषी पाया गया है।
कोटा के करगीरोड शाखा के तत्कालीन लिपिक और ऑपरेटर प्रकाश चंद कुभंज ने खाताधारकों के बैंक के अनपोस्टेड खातों से अनियमित तरीके से नकद और ऑनलाइन ट्रांसफर कर हेराफेरी की है। जिसकी जांच में उसे दोषी पाया गया है। उसने खाताधारकों और अनपोस्टेड की मूलधन 30,91,506 रुपए और ब्याज की राशि 51,496 रुपए आहरित किया है।
अकलतरा शाखा के पर्यवेक्षक संतोष कुमार सोनी ने पुराना रिवॉल्विंग खाता जिसमें 23 मार्च 2013 को 1 करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 रुपए का समायोजन किया गया है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने नियमों को ताक में रखकर समायोजन किया है।
इन खातों में अंतिम बैलेंस जिसे नए रिवॉल्विंग खातों में ट्रासंफर किया गया है। इसका योग जमा 1 करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 के बराबर नहीं है। इस राशि का उपयोग समिति को भुगतान करने और धान खरीदी के भुगतान के लिए दिया गया था, जिसकी जांच के बाद पर्यवेक्षक को दोषी पाया गया है।
मुख्य कार्यालय बिलासपुर के कार्यालय सहायक शंशाक शास्त्री मई 2018 से बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित है। उसके खिलाफ जांच कर उसे आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र जारी किया गया है। जिसका कोई जवाब नहीं देने के कारण उसे सेवा से बर्खास्त किया गया है।
कोटा के करगीरोड शाखा के माधव सिंह चौहान ने समितियों का केसीसी के तहत ऋण वितरण का समायोजन विलंब किया। इसके साथ ही केश रेक्टिफिकेशन खाता से जमा किए जाने के संबंध में आरोप पत्र जारी किया गया।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में बैंक कर्मचारी प्रकाश कुंभज के साथ मिलकर 13 अगस्त 2021 से अब तक 30 किसानों के खाते से अनियमित तरीके से नगद और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर गड़बड़ी की है।