Mayor Reservation In Chhattisgarh : नगरीय निकायों के आम चुनाव के लिए नगर निगमों में महापौर (Mayor Reservation) और नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया अब 7 जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी।
पहले इस प्रक्रिया के लिए 27 दिसंबर 2024 की तारीख निर्धारित की गई थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया और अब नई तिथि 7 जनवरी निर्धारित की गई है।
रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कल, 7 जनवरी को सुबह 10:30 बजे से आरक्षण (Mayor Reservation) की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। जो लोग आरक्षण की कार्यवाही का अवलोकन करना चाहते हैं, वे निर्धारित तिथि, समय और स्थान पर उपस्थित हो सकते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में प्रदेश में होने वाले नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका (महापौर और अध्यक्ष के पद का आरक्षण) नियम 1999 के तहत नगर पालिक निगमों के महापौर और नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्षों के पदों के आरक्षण की प्रक्रिया की जा रही है।
रायगढ़ और रिसाली नगर निगम अनुसूचित जाति के लिए, जबकि अंबिकापुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। बाकी 11 नगर निगमों में से कोरबा, राजनांदगांव और धमतरी में वर्तमान में ओबीसी वर्ग का महापौर है।
इस कारण से, इन नगर निगमों को ओबीसी वर्ग के आरक्षण के लिए होने वाली लॉटरी में शामिल नहीं किया जाएगा। अन्य 8 नगर निगमों में ओबीसी वर्ग के लिए लॉटरी के माध्यम से चार सीटें निर्धारित की जाएंगी।
विशेष बात यह है कि पिछले तीन चुनावों से लगातार अनारक्षित रही रायपुर सीट इस बार भी अनारक्षित रहने की संभावना है। यह लॉटरी के परिणाम पर निर्भर करेगा, क्योंकि जिस निगम का नाम लॉटरी में निकलेगा, वह ओबीसी सीट होगी, जबकि बाकी सीटें अनारक्षित (Mayor Reservation) रहेंगी।
पहले महिला सीट अब अनुसूचित जाति (Mayor Reservation)
8 नगर निगमों में ओबीसी वर्ग की सीटों का चयन किया जाएगा, जिनमें बिलासपुर, चिरमिरी, रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर, भिलाई, बिरगांव और भिलाई चरौदा शामिल हैं। रिसाली, जो पिछले चुनाव में ओबीसी महिला सीट थी, अब जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति में शामिल हो गई है।
इसलिए इसे एससी के आधार पर आरक्षण से हटा दिया जाएगा। 2004 के चुनाव में आरक्षण का रोटेशन शुरू हुआ, और इस रोटेशन के अनुसार 2014 में यह प्रक्रिया पूरी हो गई। 2019 से नया रोटेशन प्रारंभ हुआ, जिसके तहत 2004 में जो सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थीं, वे फिर से ओबीसी के रूप में चिह्नित की गईं।
उदाहरण के लिए, 2009 में कोरबा ओबीसी सीट थी, और वह 2019 में भी ओबीसी रही। राजनांदगांव भी 2004 के बाद 2019 में ओबीसी आरक्षित हुआ। इसी रोटेशन के आधार पर रायपुर को भी 2004 के बाद 2019 में ओबीसी होना था, लेकिन यहां महापौर की सीट को ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया गया और इसे अनारक्षित कर दिया गया।
महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ेगी (Mayor Reservation)
अनारक्षित और ओबीसी आरक्षित सीटों में से 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए निर्धारित की जाएंगी। विशेषज्ञों के अनुसार, 11 सीटों में से 7 सीटें अनारक्षित रहेंगी, जबकि 4 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएंगी।
आरक्षण के बाद, ओबीसी और शेष अनारक्षित सीटों में महिलाओं के लिए भी आरक्षण (Mayor Reservation) होगा। इस प्रकार, 14 निगमों में 7 अनारक्षित सीटें हैं, जिनमें से 2 महिलाओं के लिए और 4 ओबीसी के लिए आरक्षित रहेंगी, जिसमें से एक ओबीसी महिला के लिए होगी।