Cabinet Meeting : छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट (Chhattisgarh Cabinet Meeting) ने शुक्रवार को कई अहम फैसले लिए हैं। बैठक में जमीन के पट्टे से जुड़े पुराने सभी सर्कुलर को सरकार ने रद्द कर दिया है। अब नए सर्कुलर जारी होंगे। इसके अलावा कृषि उपज मंडी अधिनियम में बाहर के खरीदारों को भी मौका दिया जाएगा जिससे प्रदेश के किसानों को अच्छा रेट मिले।
कैबिनेट ने फैसला लिया गया है कि, CPSC की ऐनुअल रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएगी। ये रिपोर्ट कांग्रेस सरकार के समय की होगी। ये भी तय किया गया है कि मोवा बाजार चौक का नाम शहीद के नामपर किया जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने पर फैसला : किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य मिले इसके लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। अब देश के कारोबारी कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे।
इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और फसल बेचने वालों को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा। पहले प्रदेश के बाहर के लोगों को यहां खरीदी करने में कई तरह की दस्तावेजी परेशानियां थीं, इसे सरल किया जाएगा।
मंडी फीस का नाम बदलकर अब ‘‘मंडी फीस-कृषक कल्याण शुल्क किया जा रहा है। मंडी बोर्ड अपनी वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इसका इस्तेमाल किसानों के लिए होगा।
पट्टे से जुड़े पुराने सर्कुलर कैंसिल : छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और जमीन मालिक को कब्जा देने से जुड़े नियमों में बदलाव किया जाएगा, इससे जुड़े सभी सर्कुलर कैंसल करने के आदेश मंत्रिपरिषद की ओर से जारी कर पुराने सभी सर्कुलर को कैंसल किया गया है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने शहरी इलाकों में अतिक्रमण की हुई जमीन के व्यवस्थापन, सरकारी जमीन के आवंटन, जमीन पर लगने वाले भू-भाटक के निर्धारण और वसूली प्रक्रिया से जुड़ा 11 सितम्बर 2019 को परिपत्र जारी किया गया था इसे कैंसिल किया गया है।
शहरी इलाके में जारी किए गए स्थायी पट्टों का भूमि-स्वामी हक प्रदान किए जाने से जुड़ा 26 अक्टूबर 2019 को जारी परिपत्र, नजूल के स्थायी पट्टों की भूमि को भूमि-स्वामी हक में बदली किए जाने के लिए 20 मई 2020 को जारी परिपत्र भी रद्द किया गया।
इसके अलावा नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आवंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी हक देने से जुड़े 24 फरवरी 2024 को जारी परिपत्र को भी कैंसिल किया गया है। अब नए सिरे से सर्कुलर जारी होंगे और लोगों को पट्टा देने का काम उन्हीं नए निर्देशों के मुताबिक होगा।
मंत्रिपरिषद की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि इन सर्कुलर के तहत आवंटित भूमि की पूरी जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाइट में अपलोड की जाएगी। इनसे जुड़ी कोई भी शिकायत और आपत्ति होने पर संभागीय आयुक्त इसकी सुनवाई करेंगे।
अनुपूरक बजट पर भी फैसला : अनुपूरक अनुमान वर्ष 2024-2025 को विधानसभा में लाने का फैसला (Chhattisgarh Cabinet Meeting) लिया गया। ये अनुपूरक बजट को लेकर किया गया निर्णय है। अनुपूरक बजट का मतलब है कि अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ना। यह बजट वित्त वर्ष के बीच में किसी विभाग या मंत्रालय की किसी योजना में अतिरिक्त राशि खर्च करने के लिए लाया जाता है। विधानसभा में 22 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में इस पर बात होगी।
मंत्रिपरिषद के निर्णय
- मंत्रिपरिषद (Chhattisgarh Cabinet Meeting) की बैठक में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जीएसटी कॉउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने एवं पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए अधिनियम में कुछ संशोधन का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के परिपेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर संशोधन अधिनियम 2024, 15 फरवरी 2024 अधिसूचित है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी तद्नुसार संशोधन किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 22वां वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए) विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु अग्रिम आवश्यक कार्यवाही के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया।