स्वामी आत्मानंद स्कूल में भ्रष्टाचार और निम्न कोटि की शिक्षा प्रणाली का मामला
गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जानी थी पर यहाँ भी धांधली
दुनिशा मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार ने गरीब बच्चों के लिए आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की थी। इस विद्यालय में गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जानी थी। पर यहाँ भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इन विद्यालयों को लेकर बड़े-बड़े दावे भी किये गए थे।
लेकिन ऐसी खबर मिल रही है कि बच्चों के एडमिशन के लिए पैसे की मांग की जा रही है। इससे सरकारी दावों पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। यहाँ तक शिक्षा प्रणाली भी अच्छी नहीं है. जब हमारी टीम ने इस विषय पर अभिभावकों से बात की तो स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भ्रष्टाचार और निम्न शिक्षा प्रणाली का मामला सामने आया है.
सरकारी कर्मचारी के बच्चों को प्राथमिकता
अभिभाविका से बातचीत के दौरान सामने आया की रिसाली के स्वामी आत्मान्द स्कूल में गरीब परिवार के बच्चों का कोई महत्व नहीं है. यहाँ गांव के ही बच्चों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है। पूरे स्कूल में जेक वाले बच्चे या सरकारी नौकरी वाले अभिभावकों के बच्चे अध्ययनरत है. गलती से फर्स्ट अलॉट में कोई बच्चा भर्ती हो भी गया है तो पढाई का स्तर बिलकुल ख़राब है.
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल एक नजर
इस योजना का नाम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना रखा गया है. यह योजना शैक्षणिक सत्र 2020-21 से प्रारंभ की गई है. इस योजना का मकसद प्रदेश गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कराना है.
बघेल की सरकार ने भ्रष्टाचार का माध्यम बनाया डाला : उमेश घोरमोड़े
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश घोरमोड़े ने कहा कि शिक्षा को भी मुख्यमंत्री बघेल की सरकार ने भ्रष्टाचार का माध्यम बनाया डाला है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने बीते पांच सालों में एक प्राथमिक विद्यालय भी नही बनवाया है। जो विद्यालय सही से चल रहे थे। जिनका प्रदेश में नाम था ऐसे विद्यालयों को कलर पेंट करके नाम परिवर्तन कर वाहवाही लूटने का काम किया गया है। स्कूलों में भर्ती में भी भ्रष्टाचार गरीब के बच्चे आज भी शासकीय स्कूलों में हैं। जिन्हें वास्तव में लाभ मिलना था उन्हें नही मिला। आत्मानंद जी के नाम पर भी भ्रष्ट भूपेश सरकार ने प्रदेश के जनता और लोगों को ठगा है।