रायपुर . छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव और गली-गली में बिक रही अवैध शराब समाज में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह्न लगा रही है। गाँव-गाँव व गली-गली में खुलेआम हो रही अवैध शराब की बिक्री से जहाँ गाँवों का माहौल खराब हो रहा है, वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की लत की आदी होती जा रही है। इससे दर्जनों ऐसे परिवार है, जो उजड़ने की कगार पर हैं।
वहीँ गांव में युवा पीढ़ी जुए की लत में भी पड़े हुए हैं । वहीँ कुछ युवा गंजा में भी लिप्त है । प्रदेश के हर गांव के गली के चौक में जुए का झुण्ड नजर आ ही जाता है, जिसके चलते वे पैसे को लेकर घर में माता-पिता, बीवी-बच्चों दस साथ नागवार स्थिति कर रहे है। पैसे की मांग को लेकर तो कभी जुआ खेलने को लेकर अनहोनी को भी अंजाम दे रहे है।
अति होंगे हे… सरकार खुद योजना निकाले हे… खुदे बेचत हे शराब
इस मुद्दे पर जब स्थानीय लोगों से हमारे टीम द्वारा बात की गई तो उनका कहना था की सरकार भले अपराध कम हो गया है करके अपनी खुद की पीठ थपथपा रही है , लेकिन प्रदेश के हर गांव में अवैध शराब हर गली-मुहल्ला में खुले आम बिक रही है. शराब बिक्री तो खुद सरकार ही करा रही और एक तरफ शराबबंदी की बात करती है. गांव का हर युवा नशे के गिरफ्त में ऐसा फंसा हुआ है की उसके सामने घर परिवार समाज मर्यादा कुछ नहीं है . ऐसा लगता है जैसे सरकार खुद चाहती है की घर-परिवार में रोज लड़ाई-झगड़े हो और परिवार में मार-काट की स्थिति बने रहे। घर के बेटे खुद के परिवार को मारपीट कर रहे हैं.
हर चौक-गली में जुए का झुंड
गांव के पीड़ित महिला पुरुषों ने अपने दर्द को शब्दों में बताया की हम अपने गांव परिवार घर के युवा पीढ़ी और पुरुषों के जुआ खेलने से परेशान है वे इस कृत्या को करने के लिए पैसे की मांग करते हैं और न मिलने पर घर परिवार में कई गलत कार्य और मारपीट को अंजाम देते हैं।