Tuesday, February 4, 2025
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Viral Fever : सावधान! मानसून की दस्तक से इन बीमारियों का खतरा बढ़ा, एक्सपर्ट से जानें बचाव के टिप्स

Chhattisgarh News : प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसूनी बारिश ने 3 दिनों में ही जमीन को अच्छे से भिगो दिया. इससे तापमान में काफी गिरावट हुई है और लोगों को गर्मी से राहत भी मिली है, लेकिन बरसात में जल जनित बीमारियां (Viral Fever) होने का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में लोगों को अब थोड़ी सावधानी भी रखनी होगी. बरसात में होने वाली बीमारियों को लेकर  डॉक्टर्स का कहना है कि चिलचिलाती गर्मी के बाद बारिश काफी ज्यादा राहत प्रदान करती है. इस समय के टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी में कीटाणु अधिक सक्रिय हो जाते हैं और विभिन्न प्रकार के मानसून संक्रमण होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

वायरल इंफेक्शन : मानसून के मौसम में वायरल इंफेक्शन (Viral Fever) होने की संभावना बनी रहती है. इसमें फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, स्टमक इंफेक्शन और फुट इंफेक्शन शामिल है. वहीं, ऐसे इंफेक्शन से आपकी इम्यूनिटी भी प्रभावित हो सकती है. मानसून के मौसम में लोग बड़ी संख्या में वायरल डिजीज से प्रभावित हो जाते हैं.

 

उल्टी-दस्त : मानसून के मौसम में उल्टी और दस्त के ज्यादा मामले अस्पताल में आते हैं. उल्टी और दस्त गंदा पानी और खराब खाना खाने के कारण ज्यादा होता है. इस मौसम में खाने पीने की चीजों को अच्छी तरह से जांच लें कि वह खाने लायक है या नहीं. पानी को उबालकर पीएं और बासी खाना ना खाएं.

डेंगू और मलेरिया : डेंगू एडीज एजिप्ट प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है. वहीं इसमें बुखार, रैशेज, सिरदर्द और प्लेटलेट काउंट में कमी होने जैसे लक्षण नजर आते हैं. यदि सही मैनेजमेंट के अंतर्गत और समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए तो मरीज की जान तक जा सकती है. मलेरिया की बात करें तो एनोफिलीज प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है. मलेरिया में आमतौर पर बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और पसीना आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यदि आपको भी ऐसी ही किसी लक्षण का अनुभव हो तो बिना इंतजार किए डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं.

निमोनिया : मानसून का मौसम निमोनिया जैसी बीमारी (Viral Fever) को उत्तेजित करता है. निमोनिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस हवा में मौजूद होते हैं. यह सांस लेने की प्रक्रिया के तहत हमारे शरीर में प्रवेश करके हमे संक्रमित कर देते हैं. इसके कारण लंग्स में हवा भर जाती है और सूजन आ जाती है. इस वायरस से जान भी जा सकती है. छोटे बच्चे और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के प्रभावित होने की संभावना ज्यादा होती है. बुखार, ठंड लगना, थकान, भूख न लगना, अस्वस्थता, चिपचिपी त्वचा, पसीना, सीने में तेज दर्द, सांस लेने में समस्या होना, इसके कुछ आम लक्षण हो सकते हैं. बरसात में छोटे बच्चे और बुजुर्गों को भीगने से काफी बचना चाहिए. जरूरत पड़ने पर ही घरों से निकलना चाहिए.

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