Tuesday, December 3, 2024

Raksha Sutra : मौली धागा और कुंवारी सूत्र में क्या है अंतर और महत्व जानिए

Raksha Sutra:  हिंदू धर्म में मौली बांधना (Raksha Sutra) बहुत शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के दौरान मौली बांधने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि मौली बांधने से नकारात्मकता दूर होती है। कुछ स्थानों पर मौली की जगह हाथ पर सफेद रंग का धागा बांधा जाता है।

ads1

जहां एक ओर मौली धागे को कलावा भी कहा जाता है, वहीं दूसरी ओर सफेद धागे को कुंवारी सूत्र के नाम से जाना जाता है। आइए हम आपको मौली सूत्र और कुंवारी सूत्र के बीच का अंतर बताते हैं।

मौली का मतलब : मौली का शाब्दिक अर्थ है ‘सबसे ऊपर’। मौली का मतलब सिर भी होता है। मौली कलाई पर बांधने के कारण इसे कलावा भी कहा जाता है। मौली कच्चे धागे (सुत) से बनाई जाती है, जिसमें मूलतः 3 रंग के धागे होते हैं- लाल, पीला और हरा, लेकिन कभी-कभी यह 5 धागों की भी बनाई जाती है। जिसमें नीला और सफेद भी शामिल है।

3 और 5 का अर्थ कभी त्रिदेव का नाम होता है तो कभी पंचदेव का। शास्त्रों के अनुसार, पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को अपने दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए, जबकि विवाहित महिलाओं को अपने बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है। भगवान शंकर के सिर पर चंद्रमा विराजमान है इसलिए उन्हें चंद्रमौली भी कहा जाता है।

रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) का महत्व : मान्यता है कि दानवों के राजा बलि की अमरता के लिए भगवान वामन ने उसकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था। इसे रक्षाबंधन का प्रतीक भी माना जाता है। देवी लक्ष्मी ने अपने पति की रक्षा के लिए राजा बलि के हाथों पर यह बंधन बांधा था।
कुंवारी सूत्र

कुंवारी सूत्र सफेद रंग का धागा होता है। हालाँकि, इसे ऐसे ही नहीं पहना जाता है। कुंवारी सूत्र को सबसे पहले पीले रंग के शुद्ध हल्दी वाले पानी में डुबोया जाता है। फिर मंत्र पढ़े जाते हैं. फिर इसे पहना जाता है. मंत्र जाप के बाद अक्षत धागा धारण किया जाता है।

खास बात यह है कि इसे केवल कुंवारी लड़कियां ही पहन सकती हैं। इसे पुरुष नहीं पहनते. इसके अलावा, कुंवारी सूत्र लड़कियां तभी तक ही पहन सकती है जब तक कि उसकी शादी तय न हो जाए। शादी के बाद कुंवारी सूत्र उतारना पड़ता है।

 

मौली रक्षा करती है : कलाई पर मौली बांधने (Raksha Sutra) को कलावा या उप मणिबंध कहा जाता है। हाथ के आधार पर 3 रेखाएं होती हैं, जिन्हें मणिबंध कहा जाता है। मणिबंध भाग्य और जीवन रेखा का उद्गम स्थान भी है। इन मणिबंधों के नाम शिव, विष्णु और ब्रह्मा हैं। इसी तरह शक्ति, लक्ष्मी और सरस्वती का भी यहां वास माना जाता है।

मौली बांधने के नियम

1- विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधने का नियम है।
2- जिस हाथ में कलावा बांध रहे हों उसकी मुट्ठी बंधी होनी चाहिए।
3- दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए.
4- आप जहां भी मौली बांधें, एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि इस धागे को केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए।
5- शास्त्रों में कहा गया है कि मौली बांधने से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु, महेश और तीनों देवियों- लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular