Monday, April 28, 2025
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Rakesh Tikait : मोदी सरकार पर किसान नेता राकेश टिकैत ने लगाए गंभीर आरोप, कहा 2047 तक किसानों की जमीन छीन लेगी सरकार

Rakesh Tikait’s Visit To CG : किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) चार दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा पहुंचे हैं। रविवार को रायपुर में उन्होंने मीडिया से बातचीत की और भूमि अधिग्रहण पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया।

टिकैत ने कहा कि देशभर में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिसमें सरकारी योजनाओं और सड़कों के नाम पर निजीकरण हो रहा है। सभी सरकारें पूंजीवाद को बढ़ावा दे रही हैं, और हाईवे की सारी जमीनें व्यापारी खरीद चुके हैं।

उनका लक्ष्य है कि 2047 तक, जब आजादी का 100वां वर्ष मनाया जाएगा, किसानों की 60 से 70 प्रतिशत जमीन पूंजीपतियों के पास चली जाए। टिकैत ने यह भी बताया कि 18 मार्च को महासमुंद के साकरा और 19 मार्च को धमतरी में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा।

 

MSP गारंटी कानून का कार्यान्वयन आवश्यक है (Rakesh Tikait)

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने MSP गारंटी कानून के संदर्भ में कहा कि हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ के जंगलों की रक्षा करना है। जिस जंगल में वृक्षारोपण की बात की जा रही है, उसे काटा जा रहा है। वर्तमान में, MSP गारंटी कानून देश के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।

हमारी मांग है कि MSP गारंटी कानून को देशभर में लागू किया जाए और किसी भी खरीद के लिए इससे कम मूल्य पर लेन-देन न किया जाए। वर्तमान में बिहार में धान की कीमत 800 से 1200 रुपए के बीच है। इन किसानों की क्या गलती है? बिहार की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि ऐसे ही अन्य राज्य भी श्रमिक राज्य में तब्दील हो रहे हैं। यदि हम राज्यों को श्रमिक राज्य बनने से रोकना चाहते हैं, तो MSP गारंटी कानून का कार्यान्वयन अनिवार्य है।

खेतों में पानी की कमी के कारण किसान आत्महत्या कर रहे (Rakesh Tikait)

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में व्यापारीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति से राज्य की स्थिति पर गंभीर सवाल उठते हैं। पानी की अनुपलब्धता के कारण छत्तीसगढ़ के किसानों ने आत्महत्या की है। किसानों को मिलने वाली बिजली में कम वोल्टेज एक गंभीर समस्या बन गई है।

आदिवासी क्षेत्रों में फसल उगाने वाले किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। अधिकारी किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नया रायपुर में भूमि अधिग्रहण का मुद्दा काफी समय से लंबित है। तीन सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है।

हम इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे (Rakesh Tikait)

राकेश टिकैत ने किसानों की भूमि की सुरक्षा, फसलों के उचित मूल्य, और स्वास्थ्य एवं शिक्षा को आम जनता तक पहुंचाने के तरीकों पर चर्चा की। वर्तमान में देश में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात हो रही है, लेकिन ‘राइट टू हेल्थ’ और ‘राइट टू एजुकेशन’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुधार की आवश्यकता है। आने वाले समय में हम पूरे देश में समान शिक्षा के मुद्दे को उठाएंगे।

राकेश ने बताया कि वे चार दिन के दौरे पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा जा रहे हैं। इस दौरान वे किसानों के बीच जाकर उनसे संवाद करेंगे, यह जानने के लिए कि बारिश न होने से उन पर क्या असर पड़ रहा है, जल स्तर कितना गिर रहा है, और सरकार की योजनाएं क्या हैं। यह भी देखेंगे कि किसानों के खेतों तक पानी कैसे पहुंचाया जाएगा और बिजली की व्यवस्था कैसी है, ताकि किसानों को कोई कठिनाई न हो। छत्तीसगढ़ के किसानों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का प्रयास करेंगे।

किसानों को जानकारी देने के लिए समिति का गठन (Rakesh Tikait)

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि देश में सभी राजनीतिक पार्टियों और सरकारों को यह अच्छी तरह से पता है कि वोट कैसे प्राप्त किए जाएं और उनके मतदाता कहां हैं। लेकिन यह जानकारी कि देश में कितनी और कौन सी फसलें उगाई जानी चाहिए, सरकार के पास नहीं है। किसान मांग और आपूर्ति के अनुसार फसलें उगाते हैं। वे उस फसल को प्राथमिकता देते हैं, जिसकी कीमत अधिक होती है, जबकि कम मूल्य वाली फसल का उत्पादन घटा देते हैं।

मंत्रालय को अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाना चाहिए और किसानों के लिए एक ऐसी समिति का गठन करना चाहिए, जो उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान करे और सभी कार्य एक ही स्थान पर संपन्न हों। हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हमारी जनसंख्या कितनी है, कितनी सब्जियों की आवश्यकता है, और अनाज की जरूरत है या नहीं।

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