BALODABAZAR FOREST STAFF RAID : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार वन विभाग ने पांच शिकारियों (HUNTERS ARRESTED IN BALODABAZAR) को पकड़ा है। आरोपित कमल सिंह ग्राम गांजरडीह, कुंजराम विश्वकर्मा ग्राम करमेल, कुबेर सिंह भोई ग्राम करमेल, चैनूराम भोई ग्राम करमेल और युधिष्ठिर भोई ग्राम करमेल है। इनके पास से वन्य जीवों का शिकार करने के लिए लगभग छह किलो सात सौ ग्राम जीआइ और सेट्रिंग तार जब्त किया गया है, जिसे जंगल में फैलाकर लकड़ी की खूंटी लगाकर 11 हजार वोल्ट के बिजली खंभे से कनेक्शन करके वन्यप्राणी के शिकार को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, वन अमला द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित रूप से गश्ती की जा रही है। इसी दौरान नौ नवंबर की रात लगभग नौ बजे, परिक्षेत्र अर्जुनी अंतर्गत वन क्षेत्र में गश्ती के दौरान कुछ लोगों को जंगल की तरफ गांजरडीह बीट में जाते हुए देखा गया।
गश्ती टीम द्वारा उनका पीछा किया गया और जंगल में छिपकर उनको पकड़ने के लिए घात लगाकर बैठे रहे। सुबह करीब चार बजे पांच शिकारियों को वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा रंगे हाथों पकड़ा गया। उपरोक्त गश्ती टीम में गोविंद राम निषाद वनरक्षक परिसर रक्षी गांजरडीह, सनद यादव, भानूप्रसाद केंवट, तुलाराम, मनोहर सुरक्षा श्रमिक शामिल थे।
दो दिन पहले ही वन विभाग ने गांवों में कराई थी मुनादी (HUNTERS ARRESTED IN BALODABAZAR)
दो दिन पूर्व ही वन विभाग द्वारा गांजरडीह और सराईपाली के आस-पास के गांव में बाघ एवं अन्य वन्यप्राणी विचरण के संबंध में मुनादी कराई गई थी। वहीं ग्रामीणों को समझाइश भी दी गई थी कि वन क्षेत्र में न जाए। इसके बाद भी शिकारियों द्वारा वन्य प्राणी के शिकार करने का प्रयास किया गया।
हालांकि वन विभाग की टीम ने शिकार होने के पूर्व ही शिकारियों को धर दबोचा। इसके पूर्व सोनाखान परिक्षेत्र के भुसड़ीपाली बीट में भी दो बंदूकधारी शिकारियों को उनके शिकार के पूर्व ही उन्हें पकड़ लिया गया था। उक्त शिकार में संलिप्त पांच शिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई कर जेल भेजा गया है।
जमानत पर छूटा है मुख्य शिकारी (HUNTERS ARRESTED IN BALODABAZAR)
पकड़े गए शिकारी गिरोह का मुख्य सरगना कमल सिंह है, जो पूर्व में भी वन्यप्राणी के शिकार केस में जेल भेजा जा चुका है और जमानत में बाहर आकर पुनः शिकार की घटनाओं को अंजाम देता है। उक्त व्यक्ति आदतन शिकारी है। उसके द्वारा गिरोह बनाकर वन्य प्राणियों का शिकार किया जा रहा था।
आरोपित जेआइ और सेट्रिंग तार को 11 हजार केव्ही बोल्ट के बिजली खंभे से कनेक्शन देकर जमीन पर दो दो फीट की लकड़ी की खूंटी पर टांग कर बिछाया जाता है। इसकी चपेट में हिरण, कोटरी, जंगली सूअर समेत अन्य जानवर आ जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। इसमें शिकार फंसते ही आरोपित तार निकालते हैं।