Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ सरकार ने नगर निगमों (Chhattisgarh Nikay Chunav) में प्रशासकों की नियुक्ति की है। नगरीय प्रशासन विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जो नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 20 के तहत की गई कार्रवाई को दर्शाती है। विभिन्न जिलों के कलेक्टरों को नगर निगमों के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है।
महत्वपूर्ण यह है कि प्रशासक की नियुक्ति के साथ ही नगर निगम में जोन अध्यक्ष और महापौर जैसे पद अब शक्ति विहीन हो जाएंगे, क्योंकि इन सभी नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। प्रशासक ही अब इनकी जगह कार्य करेंगे। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, रायपुर नगर निगम के प्रशासक रायपुर के कलेक्टर होंगे। इसी प्रकार, नगर निगम राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, रायगढ़, मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, अंबिकापुर और कोरबा के लिए भी कलेक्टरों को प्रशासक (Chhattisgarh Nikay Chunav) के रूप में नियुक्त किया गया है।
प्रशासक की नियुक्ति का यह अर्थ नहीं है कि नगर निगम के चुनाव (Chhattisgarh Nikay Chunav)नहीं होंगे। यह व्यवस्था कार्यकाल समाप्त होने के बाद निगमों में प्रतिनिधियों की नियुक्ति के लिए है। देश या प्रदेश में सरकारों का कार्यकाल समाप्त होने पर गर्वनर या राष्ट्रपति का नियंत्रण होता है, उसी प्रकार निगमों में कार्यकाल खत्म होने के बाद कलेक्टर या वरिष्ठ IAS अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी प्रशासक नियुक्त किए जा चुके हैं। रायपुर में गणेश शंकर मिश्रा और अजय नाथ जैसे अधिकारियों ने प्रशासक की भूमिका निभाई है। अब यह होगा कि जनप्रतिनिधि नगर निगम से जुड़े किसी भी मामले में निर्णय नहीं ले सकेंगे, यह जिम्मेदारी अब प्रशासक के पास होगी। जोन अध्यक्षों की शक्तियां अब नगर निगम आयुक्त के पास होंगी, जबकि महापौर स्तर के निर्णय लेने की शक्तियां प्रशासक के पास होंगी, जो वर्तमान में रायपुर या अन्य जिलों के कलेक्टर हैं।