Home loan : बजट (Budget 2025) के पेश होने का समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है, और इस बीच कई मुद्दों पर अटकलें भी बढ़ गई हैं। इस बजट से आम जनता से लेकर निवेशकों तक को बड़ी उम्मीदें हैं।
कहा जा रहा है कि सरकार टैक्स छूट (Budget 2025) के संबंध में कुछ घोषणाएं कर सकती है। इसके अलावा, विशेषज्ञों द्वारा नई टैक्स व्यवस्था में होम लोन को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे इसकी घोषणा बजट में भी हो सकती है।
पुरानी टैक्स (Budget 2025) व्यवस्था के तहत, करदाताओं को होम लोन की ब्याज पर कटौती का लाभ मिलता है। जो लोग इस व्यवस्था को चुनते हैं, वे कब्जे वाली संपत्ति पर होम लोन ब्याज के लिए 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं, जो नई टैक्स व्यवस्था में उपलब्ध नहीं है।
नई व्यवस्था में किराए पर दी गई संपत्तियों के लिए कुछ छूटें हैं। उदाहरण के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 24 के अनुसार, कर योग्य किराए की आय से होम लोन ब्याज की कटौती पर कोई सीमा नहीं है।
हालांकि, लोन पर ब्याज अक्सर किराए की आय से अधिक होता है, जिससे संपत्ति के मालिक को नुकसान होता है। दुर्भाग्यवश, इस नुकसान की भरपाई अन्य स्रोतों से आय से नहीं की जा सकती है और नई टैक्स व्यवस्था में इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत होम लोन (Budget 2025)
नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद से पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में कोई नई या बेहतर कर छूट नहीं आई है, फिर भी विशेषज्ञ छूट में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। यह शहरी भारत में घर के स्वामित्व की बढ़ती लागत के संदर्भ में है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी कर व्यवस्था के तहत धारा 80सी और 24बी के तहत मिलने वाली वर्तमान कर कटौती अपर्याप्त है, और वे घर के मालिकाना हक को और अधिक सस्ती बनाने के लिए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।