छत्तीसगढ़

Bastar : सिमट रहा बस्तर से माओवादी आतंक, बदल रही बस्तर की पहचान

Jagdalpur News : इस वर्ष जब मैंने नए साल में अखबार खोला, तो बस्तर (Bastar) मुख्य पृष्ठ पर सुर्खियों में था। यह सुर्खियां किसी माओवादी हिंसा के बारे में नहीं थीं, बल्कि बस्तर में विकास के नए उजाले के बारे में थीं।

माओवादी आतंक अब बस्तर (Bastar) में सीमित हो चुका है, और इस क्षेत्र की पहचान बदल गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में यह बात कही। उन्होंने बताया कि बस्तर की अपनी चुनौतियां हैं, और इस चुनौतीपूर्ण माहौल में पत्रकारिता करना भी एक कठिन कार्य है।

उन्होंने सभी पत्रकारों के प्रयासों की सराहना की, जो आम जनता की उम्मीदों, विचारों और समस्याओं को शासन-प्रशासन के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में उच्च आदर्शों का पालन करते हुए सरकार के अच्छे कार्यों की जानकारी जनता तक पहुंचानी चाहिए, साथ ही कमियों को भी उजागर करना चाहिए।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर (Bastar) के पत्रकारों ने पत्रकारिता के नए आयाम स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नव निर्वाचित पदाधिकारियों को सीएम ने दिलाई शपथ (Bastar)

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। उन्होंने पदाधिकारियों को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं और नववर्ष की बधाई भी दी। इस अवसर पर बस्तर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री मनीष गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में खेल मंत्री  टंकराम वर्मा सहित बड़ी संख्या में पत्रकार भी उपस्थित थे।

Bastar: Maoist terror is shrinking from Bastar, identity of Bastar is changing.
Bastar

 

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