Wednesday, February 5, 2025
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कोयला लेवी घोटाला : कोयला घोटाले के आरोपी रजनीकांत तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज

 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह राज्य कोयला लेवी घोटाले के कथित सरगना रजनीकांत तिवारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की पीठ ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर और सक्रिय रूप से जबरन वसूली रैकेट में भाग लिया और अवैध नकदी का प्रबंधन करने वाले एकाउंटेंट के रूप में कार्य किया।

ईडी के मामले के अनुसार, रजनीकांत तिवारी, उनके भाई सूर्यकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया और 5 अन्य लोग पर छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन करने के दौरान 25 रुपये प्रति टन की लेवी वसूलने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों को शामिल करते हुए एक कार्टेल चला रहे थे। इन सभी पर आईपीसी की धारा 186, 204, 353, 120बी, 384, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए, तिवारी ने यह तर्क देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया कि आवेदक पीएमएलए, 2002 की धारा 45 के तहत दिए गए अपवादों के तहत लाभ का हकदार होगा। वही इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, पहली नजर में आवेदक की संलिप्तता मामले में परिलक्षित होती है क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इकठ्ठा किये गए सबूतों का खंडन नहीं किया गया है।

इसे देखते हुए, कानून, अपराध की गंभीरता, गवाहों के गुस्से की संभावना और प्रथम दृष्टया इस तथ्य पर विचार करते हुए कि आवेदक अग्रिम जमानत देने के लिए पीएमएलए, 2002 की धारा 45 की जुड़वां शर्तों को पूरा करने में असमर्थ है, अदालत जमानत याचिका याचिका खारिज करती है।

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