Raigarh News : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर में 50 लाख रुपये खर्च कर लगाए गए वाटर एटीएम (Water Atm) आज शोपीस बनकर खड़े हैं। नगर निगम की घोर लापरवाही के कारण ये मशीनें धूल खा रही हैं, और जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।
भीषण गर्मी से पहले जब लोगों को इन वाटर एटीएम (Water Atm) की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब नगर निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौन साधे बैठे हैं। नगर निगम द्वारा केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड, सारंगढ़ बस स्टैंड, कबीर चौक, नगर निगम परिसर और अंबेडकर चौक में कुल पांच वाटर एटीएम लगाए गए थे।
दुर्ग की एक कंपनी को ठेका दिया गया था, और इन मशीनों की कीमत प्रत्येक 10 लाख रुपये थी। कंपनी ने तीन साल तक इनका मेंटेनेंस किया, लेकिन जैसे ही वारंटी खत्म हुई, नगर निगम ने इन एटीएम (Water Atm) को भगवान भरोसे छोड़ दिया।
अब स्थिति यह है कि कोई मशीन काम नहीं कर रही, किसी में पानी नहीं आ रहा, तो किसी का सिस्टम खराब पड़ा है। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद ये मशीनें जनता के किसी काम नहीं आ रही हैं।
गर्मी में पानी के लिए तरसेगी जनता (Water Atm)
रायगढ़ में गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है, और आने वाले दिनों में तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। हर साल इस मौसम में नगर निगम चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर पानी की व्यवस्था करता है, लेकिन इस बार वाटर एटीएम की अनदेखी से जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
हर साल गर्मी शुरू होते ही नगर निगम को इन एटीएम की याद आती है। दिखावे के तौर पर कुछ मशीनें चालू कर दी जाती हैं, लेकिन बिना देखरेख के फिर से खराब हो जाती हैं। पिछले कुछ वर्षों में यही होता आ रहा है। इस बार भी अगर नगर निगम ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो गर्मी के दिनों में शहरवासियों को पानी के लिए भटकना पड़ेगा।
जनता के पैसे की बर्बादी (Water Atm)
शहर के नागरिकों के टैक्स के पैसों से नगर निगम ने वाटर एटीएम लगाने का फैसला तो किया, लेकिन इसकी उचित देखभाल नहीं की। अगर सही रखरखाव होता, तो ये एटीएम सालों तक काम करते और हजारों लोगों को शुद्ध व ठंडा पानी उपलब्ध कराते। लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद जनता को इसका लाभ नहीं मिला।
नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। वहीं, यह भी सवाल उठता है कि क्या नगर निगम का ध्यान सिर्फ पैसे खर्च करने तक ही सीमित था? क्या इन एटीएम की देखभाल की कोई योजना नहीं बनाई गई थी?
नगर निगम की जवाबदेही तय हो (Water Atm)
शहर में वाटर एटीएम की दुर्दशा को देखते हुए नगर निगम को जवाब देना चाहिए कि आखिर 50 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद जनता को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा। क्या इन एटीएम को फिर से चालू करने के लिए कोई योजना बनाई गई है, या फिर हर साल की तरह फिर से नगर निगम के अधिकारी आखिरी समय में दिखावटी काम करेंगे?
अगर समय रहते नगर निगम ने इन एटीएम की मरम्मत और देखभाल की व्यवस्था नहीं की, तो जनता को इस गर्मी में एक बार फिर परेशानी झेलनी पड़ेगी। यह चुनावी साल है और नगर निगम के प्रति जनता की नाराजगी अब धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब दे सकती है।
पांच साल में पैसे की बर्बादी के ऐसे कई उदाहरण
रायगढ़ नगर निगम की अनदेखी के कारण वाटर एटीएम (Water Atm) सिर्फ एक असफल योजना बनकर रह गई है। यह 50 लाख रुपये की बर्बादी का एक बड़ा उदाहरण है। ऐसे कई योजनाएं हैं, जो पिछले पांच सालों में नगर निगम ने पैसे पानी की तरह बहाए, लेकिन किसी भी योजना का शहर की जनता को कोई विशेष लाभ नहीं मिला।
जबकि प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार थीं। लेकिन भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी के चक्कर में शहर विकास के नाम पर केवल दिखावा हुआ। यह लापरवाही इस चुनाव में नगर निगम के लिए भारी पड़ सकती है।
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