Wednesday, March 26, 2025
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Nigar Nigam Chunav : छत्तीसगढ़ में शहर सरकारों की अनदेखी से जनता वंचित, करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी में बह गए…!

CG News : प्रदेश की जनता (Nigar Nigam Chunav) को सस्ती दरों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कई शहरों में वाटर एटीएम स्थापित किए गए थे। लेकिन पांच साल के भीतर ही यह योजना नाकामी और लापरवाही का शिकार हो गई।

राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर, कोरबा, धमतरी और अन्य जिलों में लगभग 150 वाटर एटीएम लगाए गए थे, लेकिन देखरेख के अभाव में यह अब शो-पीस बनकर रह गए हैं। सालभर से इन मशीनों से पानी तक नहीं निकला, जिससे आम जनता को लाभ मिलने के बजाय सरकारी धन की बर्बादी देखने को मिल रही है।

पांच लाख प्रति एटीएम खर्च (Nigar Nigam Chunav) 

सरकार ने वाटर एटीएम परियोजना (Nigar Nigam Chunav) के तहत हर मशीन पर करीब पांच लाख रुपये खर्च किए, ताकि कम कीमत पर आम जनता को स्वच्छ और ठंडा पेयजल मिल सके। लेकिन कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल में नगर निगमों ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद लोग अभी भी शुद्ध पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं।

शहरों में बदहाल पड़े वाटर एटीएम (Nigar Nigam Chunav) 

राजधानी रायपुर से लेकर बिलासपुर और जगदलपुर तक कई जगहों पर वाटर एटीएम जंग खा रहे हैं। इन मशीनों में पानी की आपूर्ति बंद है, मोटर खराब हो चुकी है और कई जगहों पर तो एटीएम के डिस्पेंसर ही टूट गए हैं। कई इलाकों में तो ये मशीनें पूरी तरह बंद पड़ी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम और संबंधित विभागों ने इस योजना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।

योजना से जुड़ी खामियां और प्रशासन की लापरवाही

देखरेख और रखरखाव की कमी : नगर निगमों ने वाटर एटीएम की रखरखाव योजना ही नहीं बनाई, जिससे ये जल्दी खराब हो गए।
जल आपूर्ति में गड़बड़ी : एटीएम तक समुचित जल आपूर्ति नहीं की गई, जिससे यह अनुपयोगी हो गए।
तकनीकी दिक्कतों की अनदेखी : कई जगह मशीनों के फिल्टर और मोटर खराब हो चुके हैं, लेकिन इन्हें ठीक कराने की पहल नहीं की गई।
सुधार की कोई योजना नहीं : नगर निगम और प्रशासन ने अभी तक मरम्मत और पुनः संचालन के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

जनता के लिए राहत बनी परेशानी
इस योजना के असफल होने से सबसे ज्यादा आम जनता प्रभावित हुई है। सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थलों पर पानी उपलब्ध होने की सुविधा से वंचित रहकर लोगों को मजबूरन महंगे पानी के कैन खरीदने पड़ रहे हैं। गर्मियों में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बाजार में बोतलबंद पानी की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।

 

सरकारी पैसे की बर्बादी, जवाबदेही तय करने की जरूरत (Nigar Nigam Chunav)

इस योजना के लिए कई करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन देखरेख और नियमित निगरानी के अभाव में यह परियोजना फेल हो गई। अब सवाल उठता है कि आखिर सरकार और नगर निगमों की जिम्मेदारी कौन तय करेगा? अगर इन एटीएम को फिर से चालू करने के प्रयास नहीं किए गए, तो जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद होने का सीधा उदाहरण बन जाएगा।

 

 

 

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