Raipur News : राजधानी में कांग्रेस सरकार (Raipur E Bus) के नेतृत्व वाले नगर निगम ने पांच साल तक सिर्फ अपनी नाकामी और लापरवाही का परिचय दिया।
15वें वित्त आयोग के तहत 2020 से 2023 तक 10 इलेक्ट्रिक बसों (Raipur E Bus)की खरीदी के लिए निर्धारित 22 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन जनता को इसका लाभ पांच सालों में नहीं मिला।
करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद राजधानी रायपुर की सड़कों पर एक भी नई ई-बस (Raipur E Bus) नहीं दौड़ रही। दरअसल, निगम की सरकार केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 100 ई-बसों का इंतजार कर रही है, जो कुछ शर्तों के अधीन ही मिलेंगी।
महापौर और कांग्रेस पार्षदों की नीतिगत असफलता का परिणाम यह है कि जिन 10 बसों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वे अब भी खड़ी धूल खा रही हैं।
महापौर ने कहा था कि बसों के संचालन में विभिन्न एजेंसियों के होने से कोई समस्या नहीं आएगी, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस सरकार की अदूरदर्शिता और प्रबंधन की कमी के चलते आम जनता को इन बसों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
रायपुर की जनता के टैक्स के पैसे से खरीदी गई बसें (Raipur E Bus) सड़ रही हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पायी। अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस सरकार जानबूझकर केंद्र सरकार के ई-बस प्रोजेक्ट का इंतजार कर रही थी ताकि अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल सके?
नगर निगम चुनाव में जनता अब कांग्रेस के झूठे वादों और नाकामियों से अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी है। यह चुनाव कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ जनमत होगा। रायपुर की जनता को तय करना है कि वे विकास चाहती है या फिर कांग्रेस के घोटालों और झूठे दावों का एक और कार्यकाल।