Raigarh News : शहर में आगामी नगर निगम चुनाव में भ्रष्टाचार (Raigarh Road) एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले 30 करोड़ रुपये के टेंडर का मसला शहर में चर्चा का विषय बना था, जिसमें 15 सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव था।
हालांकि, इस टेंडर के बाद भ्रष्टाचार (Raigarh Road) के आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगे थे, और यह मुद्दा स्थानीय राजनीति में गर्माया था। टेंडर के जारी होने के साथ ही सड़कों का निर्माण भी शुरू हो गया था, लेकिन आचार संहिता के लागू होने और प्रदेश में सरकार के बदलने के कारण यह काम अधर में लटक गया।
पूर्व सरकार द्वारा जारी किए गए इस टेंडर में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। कांग्रेस के नेताओं पर आरोप था कि उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में घपला किया और इस प्रोजेक्ट से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में अनियमितताएं कीं। इस पूरे मामले ने शहरवासियों को आक्रोशित कर दिया और अब यह मुद्दा नगर निगम चुनाव में प्रमुख बन गया है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद पुराने टेंडरों को निरस्त करने का निर्णय लिया, और यह कदम चुनावी राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। इस फैसले ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार आक्रमण झेलने के बाद कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा कांग्रेस (Raigarh Road)
पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस का कार्यकाल भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा। सार्वजनिक योजनाओं में गड़बड़ियां, अव्यवस्था और प्रशासनिक असफलताएं प्रदेशभर में चर्चा का विषय बनीं। अब, नगर निगम चुनाव के दौरान रायगढ़ (Raigarh Road) की जनता इसका जवाब देने की तैयारी में है। स्थानीय जनता का मानना है कि यदि कांग्रेस के नेताओं ने शहर के विकास को प्राथमिकता दी होती, तो यह भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगते।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का अवसर (Raigarh Road)
इस चुनाव में नगर निगम के उम्मीदवारों को जनता से मिलकर यह साबित करना होगा कि वे विकास के लिए समर्पित हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को अपने चुनावी प्रचार का हिस्सा बना लिया है और कांग्रेस के खिलाफ व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है।
इस चुनाव में रायगढ़ की जनता के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का एक बड़ा अवसर है। कुल मिलाकर, रायगढ़ नगर निगम चुनाव अब केवल एक स्थानीय चुनाव नहीं रह गया है, बल्कि यह भ्रष्टाचार और शासन के प्रति जनता की नाराजगी का प्रतीक बन गया है। अब देखना यह होगा कि रायगढ़ की जनता किसे चुनेगी, जो उनके भविष्य को भ्रष्टाचार से मुक्त और विकास की दिशा में आगे ले जाए।
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