Raigarh News : नगर निगम रायगढ़ (Raigarh) द्वारा यूजर्स चार्ज वसूली को लेकर शहरवासियों में जबरदस्त असंतोष है। पहले यह शुल्क स्वच्छता दीदी के माध्यम से नकद लिया जाता था, लेकिन बाद में इसे ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया लागू कर दी गई।
इसके चलते चार साल का यूजर्स चार्ज एक साथ वसूला जा रहा है, जिससे आम जनता को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जो लोग पहले शुल्क जमा कर चुके हैं, लेकिन रसीद सुरक्षित नहीं रख पाए, उन्हें दोबारा भुगतान के लिए मजबूर किया जा रहा है। निगम प्रशासन के पास भी पूर्व वसूली का कोई ठोस रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिससे लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
इस मुद्दे को लेकर भाजपा इस बार के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को घेरने की पूरी तैयारी में है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस शासित नगर निगम ने बिना कोई ठोस योजना बनाए जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल दिया है। वहीं, जनता का कहना है कि अगर प्रशासन के पास पुराने भुगतान का रिकॉर्ड नहीं है, तो यह नगर निगम की लापरवाही है और जनता को इसका खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।
कैसे बढ़ी लोगों की परेशानी (Raigarh)
शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की सुविधा के लिए नगर निगम (Raigarh) यूजर्स चार्ज वसूलता है। शुरू में यह शुल्क स्वच्छता दीदी के माध्यम से लिया जाता था, जो नकद भुगतान की रसीद देती थीं। लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद जब लोगों को शुल्क भरने के लिए कहा गया, तो पाया गया कि चार साल का बकाया एक साथ जोड़ दिया गया है।
जो नागरिक पहले ही शुल्क चुका चुके हैं, लेकिन रसीद खो चुके हैं, उन्हें फिर से भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। नगर निगम के पास भी पुरानी वसूली का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिससे जनता और प्रशासन के बीच विवाद की स्थिति बन गई है। भाजपा पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन से वार्ड-वार जांच की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सामान्य सभा में उठा था मुद्दा, लेकिन समाधान नहीं मिला (Raigarh)
सामान्य सभा की बैठक में इस विषय पर पार्षदों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। पार्षदों की आपत्ति के बाद नगर निगम ने संपत्ति कर, जल कर और अन्य टैक्स को अलग-अलग लेने का निर्णय लिया, जिससे लोगों को कुछ राहत जरूर मिली। लेकिन यूजर्स चार्ज की समस्या अभी भी बनी हुई है।
लोगों ने संपत्ति कर और जल कर जमा कर दिया, लेकिन यूजर्स चार्ज अभी भी विवाद का विषय बना हुआ है। नगर निगम प्रशासन इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दे पा रहा है। वार्ड-वार जांच की मांग को अब तक नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
चुनावी मुद्दा बनेगा यूजर्स चार्ज विवाद (Raigarh)
रायगढ़ नगर निगम चुनाव (Raigarh) में यूजर्स चार्ज की वसूली एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने जा रहा है। भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला करने की तैयारी में है। जनता भी इस बार चुनाव में इस मुद्दे पर निगम प्रशासन और कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी दिखा सकती है। महापौर और कांग्रेस पार्षदों को इस मुद्दे पर जवाब देना मुश्किल हो सकता है।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना (Raigarh)
भाजपा पार्षदों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन (Raigarh) की लापरवाही के कारण जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उन्होंने मांग की है कि जिन्होंने पहले ही शुल्क जमा कर दिया है, उनके पुराने रिकॉर्ड की जांच की जाए और बिना उचित प्रमाण के दोबारा शुल्क वसूलने की प्रक्रिया रोकी जाए।
“नगर निगम की कार्यप्रणाली से जनता परेशान हो चुकी है। बिना रिकॉर्ड के चार साल का यूजर्स चार्ज वसूलना सरासर अन्याय है। जनता इस चुनाव में कांग्रेस को इसका जवाब देगी।”
कांग्रेस की सफाई, लेकिन जनता नहीं संतुष्ट
नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि नई ऑनलाइन व्यवस्था में कुछ तकनीकी खामियां हैं, जिन्हें जल्द दूर कर लिया जाएगा। लेकिन जनता इस सफाई से संतुष्ट नहीं दिख रही है।
यूजर्स चार्ज विवाद को लेकर जनता में काफी आक्रोश है। अगर नगर निगम ने जल्द ही इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकाला, तो इसका असर कांग्रेस के वोट बैंक पर जरूर पड़ेगा। जनता इस बार के नगर निगम चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।