Ambikapur News : अंबिकापुर जिले में धान खरीदी (Patwari Suspended) प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने और किसानों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से कलेक्टर विलास भोसकर ने सोमवार को जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने केंद्रों (Patwari Suspended) पर उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लिया और किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। सबसे पहले कलेक्टर अंबिकापुर के मेण्ड्राकला धान खरीदी केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने टोकन वितरण प्रणाली, नमी जांच, बारदाने की उपलब्धता और धान तौल की प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया।
उन्होंने किसानों से मुलाकात कर उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली और किसी भी प्रकार की असुविधा न होने के निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर ने लखनपुर के धान खरीदी केंद्र, उदयपुर के जजगा धान खरीदी उपकेंद्र और सलका धान खरीदी केंद्र का भी दौरा किया। इन केंद्रों पर भी उन्होंने व्यवस्थाओं का मुआयना किया और किसानों से फीडबैक लिया।
धान बेचने आए किसानों से संवाद (Patwari Suspended)
निरीक्षण के दौरान लखनपुर धान खरीदी केंद्र में पहुंचे किसान सियम्बर ने बताया कि वह 46 क्विंटल धान लेकर आए हैं और यहां किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। इस पर कलेक्टर ने समिति प्रबंधकों को निर्देशित किया कि किसानों को पूरी पारदर्शिता और सुविधा के साथ धान बेचने की प्रक्रिया पूरी कराई जाए।
पारिश्रमिक भुगतान की जानकारी ली (Patwari Suspended)
धान खरीदी केंद्रों पर काम करने वाले हमालों (मजदूरों) से भी कलेक्टर ने बातचीत की और उनसे मजदूरी भुगतान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमालों के मेहनताने का भुगतान समय पर किया जाना चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय परेशानी न हो।
माइक्रो एटीएम सुविधा से किसानों को जोड़ने के निर्देश (Patwari Suspended)
अंबिकापुर कलेक्टर ने किसानों को माइक्रो एटीएम सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वे इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं। इससे उन्हें बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे सीधे धान विक्रय की राशि अपने खाते में प्राप्त कर सकते हैं।
पटवारी को किया निलंबित (Patwari Suspended)
धान खरीदी केंद्रों के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जजगा उपकेंद्र में पहुंचे किसानों से भी बातचीत की। इसी दौरान ग्राम कवलगिरी के किसान बंधन ने बताया कि वह पहली बार धान बेचने आए हैं और उन्हें रकबा संशोधन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जब कलेक्टर ने देरी का कारण पूछा तो किसान बंधन ने बताया कि पंजीयन के दौरान उनकी जमीन का रकबा गलत दर्ज हो गया था, जिसे संशोधित करने के लिए पटवारी द्वारा एक हजार रुपए की रिश्वत ली गई।
इस पर कलेक्टर ने तुरंत एसडीएम उदयपुर बनसिंह नेताम को निर्देश देते हुए पटवारी हल्का नंबर-8 चैनपुर के पटवारी नारायण सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Patwari Suspended) करने को कहा। साथ ही किसान बंधन को पटवारी द्वारा ली गई रिश्वत की राशि वापस लौटाने के आदेश दिए।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि रकबा संशोधन, टोकन वितरण या किसी अन्य प्रक्रिया में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
कलेक्टर की सख्ती से किसानों को मिली राहत (Patwari Suspended)
किसान बंधन की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होते देख अन्य किसानों ने भी राहत महसूस की। उन्होंने कलेक्टर की इस सख्त कार्रवाई की सराहना की और उम्मीद जताई कि अब धान विक्रय की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
कलेक्टर ने सभी धान खरीदी केंद्रों के अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी यदि किसानों का शोषण करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस औचक निरीक्षण से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य और सुविधाएं देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।