Monday, March 10, 2025
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New India Co-operative Bank : 122 करोड़ का स्कैम! फिर RBI ने लगाया था बैन… अब इस बैंक के ग्राहकों को बड़ी राहत

New India Cooperative Bank Scam : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 13 फरवरी को मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank)  पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके चलते ग्राहकों को अपने खातों से एक भी रुपया निकालने की अनुमति नहीं थी, जिससे उनमें हड़कंप मच गया था।

अब आरबीआई ने बैंक के ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए प्रतिबंधों में ढील दी है और उन्हें अपने जमा खातों से 25,000 रुपये तक निकालने की अनुमति दी है।

ग्राहक 27 फरवरी से अपने खातों से यह राशि निकाल सकेंगे। उल्लेखनीय है कि 122 करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद रिजर्व बैंक ने बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी।

50% ग्राहक पूरी राशि निकाल सकेंगे (New India Co-operative Bank)  

आरबीआई द्वारा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank)  पर लगाए गए प्रतिबंधों में दी गई ढील के कारण बैंक के आधे से अधिक जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 50 प्रतिशत से अधिक ग्राहक अपनी लगभग 100 प्रतिशत जमा राशि निकाल सकेंगे। बैन लगाए जाने के बाद से बैंक की शाखाओं के बाहर परेशान ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही थी, लेकिन सोमवार को उन्हें बड़ी राहत मिली है।

13 फरवरी को लगाया गया था बैन (New India Co-operative Bank)  

यह जानकारी दी गई है कि 122 करोड़ रुपये के घोटाले के उजागर होने के बाद, रिजर्व बैंक ने 13 फरवरी को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए बैन लगाया था।

इसके तहत बैंक के खातों से किसी भी प्रकार की निकासी को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था। इसके साथ ही बैंक को लोन वितरण करने से भी प्रतिबंधित किया गया था, हालांकि इसे लोन वसूलने का अधिकार बरकरार रखा गया था।

क्या था पूरा मामला (New India Co-operative Bank)  

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के कार्यकारी सीईओ देवर्षि घोष की शिकायत पर जनरल मैनेजर हितेश मेहता के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।

हितेश मेहता इस सहकारी बैंक में हेड ऑफ अकाउंट्स भी थे, और उन पर बैंक के पद का दुरुपयोग करते हुए 122 करोड़ रुपये के रिजर्व फंड के गबन का आरोप लगाया गया था।

यह FIR भारतीय दंड संहिता की धारा 316(5) और 61(2) के तहत दर्ज की गई थी। न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए NICB के निदेशक मंडल को एक साल के लिए निलंबित कर दिया और एसबीआई (SBI) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया।

इस सहकारी बैंक की कुल 28 शाखाएं हैं, जिनमें मुंबई में अंधेरी, बांद्रा, बोरीवली, चेंबूर, घाटकोपर, गिरगांव, गोरेगांव, नरीमन प्वाइंट, कांदिवली, मालाड, मुलुंड, सांताक्रूज और वर्सोवा शामिल हैं। इसके अलावा, इस बैंक की शाखाएं नवी मुंबई, थाणे, पालघर, पुणे और सूरत में भी स्थित हैं।

ब्रांच या एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा

आरबीआई की अनुमति के बाद, ग्राहक न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank)  की सभी शाखाओं और एटीएम के माध्यम से निर्धारित राशि की निकासी कर सकेंगे। हालांकि, ग्राहकों को 25,000 रुपये की सीमा या उनकी उपलब्ध शेष राशि, जो भी कम हो, उससे अधिक पैसे निकालने की अनुमति नहीं होगी।

आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह बैंक से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर नजर रखेगा और खाताधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।

 

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