Marigold Farming : गेंदा फूल की खुशबू से महक रहा महिलाओं का जीवन

Women Empowerment through Floriculture : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत महिलाओं के स्व-सहायता समूह अब गेंदा फूल (Marigold Farming) की खेती कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। कांकेर जिले की महिलाओं ने समूह बनाकर गेंदा फूल की खेती शुरू की है, जिससे न सिर्फ उनकी आजीविका संवर्धन हो रही है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy Growth) में भी नया आयाम जुड़ रहा है।

बैंक लिंकेज के माध्यम से इन समूहों को ऋण उपलब्ध कराया गया। इसी राशि से महिलाओं ने गेंदा फूल की खेती प्रारंभ की। उद्यानिकी विभाग (Horticulture Training) के सहयोग से मई-जून माह में 50 से 55 महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद कांकेर विकासखंड के विभिन्न गांवों- पीढ़ापाल से रामरहीम समूह, भीरावाही से जय अंबे समूह, कोकपुर से मां दंतेश्वरी समूह, मुरडोंगरी से पूजा समूह, किरगोली से सरस्वती समूह और बारदेवरी से जय अंबे समूह ने 10 से 20 डिसमिल भूमि में गेंदा फूल की खेती शुरू की।

इस प्रकार कुल एक एकड़ क्षेत्र में 17,600 पौधों का रोपण हुआ। साथ ही अतिरिक्त 50 डिसमिल में 2,700 पौधे और लगाए गए। यह प्रयास महिलाओं की आजीविका (Marigold Farming) को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

मुरडोंगरी की पूजा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष जगबती ने बताया कि 20 से 30 डिसमिल क्षेत्र में की गई खेती से अब तक 69 किलो फूल की उपज मिली है। इसे 60 से 70 रुपए प्रति किलो की दर से बेचकर समूह की महिलाओं ने 4,000 से 5,000 रुपए की आय अर्जित की है। उन्होंने कहा कि इस गतिविधि से वे न केवल आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार (Women Employment Initiative) से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं।

बिहान योजना के तहत महिलाओं का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी बन गया है। महिलाएं अब घरेलू कार्यों के साथ-साथ रोजगार अर्जित कर अपने परिवारों की आर्थिक (Marigold Farming) स्थिति को भी सुधार रही हैं।

कांकेर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर और जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी ने बताया कि 18 सितंबर से 35 महिलाओं को गेंदा फूल की उन्नत खेती (Advanced Floriculture) का प्रशिक्षण आरसेटी में दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण से महिलाएं आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ा सकेंगी। इसके बाद महिलाएं न केवल स्थानीय बाजारों में बल्कि अन्य जिलों (Market Expansion) में भी फूलों की बिक्री कर अपनी आय में और वृद्धि कर पाएंगी।

इस पहल से यह स्पष्ट है कि गेंदा फूल जैसी नकदी फसलों (Marigold Farming) में निवेश कर महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। इससे गांवों की महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल गढ़ रही हैं और ग्रामीण समाज में महिला सशक्तिकरण की नई पहचान बना रही हैं।