Raipur News : प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर छोटे कस्बों व शहरों में हो रहे अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए विष्णुदेव साय सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अब 1200 वर्गमीटर से छोटी भूमियों का अब बिना ले आउट पास कराए छोटे भूखंडों में विभाजन अवैध (Illegal Plating) माना जाएगा। इसके लिए राज्य शासन की ओर से संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर उक्त दिशा-निर्देशों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है।
नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय से कृषि भूमि का और गैर कृषि भिन्न प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन तथा पुन: निर्धारण प्रकरणों के संबंध में जारी निर्देश में उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2012 की धारा 172 में हुए संशोधनों के अनुक्रम में कृषि भूमि के डायवर्सन एवं पुनर्निधारण के प्रकरणों के निराकरण किए जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
इसके बाद भी नगरीय निकायों एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में प्राय: यह देखा जा रहा है कि ऐसे भूमि स्वामी जो 1200 वर्गमीटर से कम रकबा धारित करते है, उनके द्वारा राजस्व विभाग से भू-व्यपवर्तन कराया जाकर अपनी स्वामित्व की व्यपवर्तित भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर अन्य व्यक्तियों को विक्रय किया जा रहा है, जिससे उन क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग (Illegal Plating) को बढ़ावा मिल रहा है।
जो कि सुनियोजित नगरीय विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है। ऐसी स्थिति के निराकरण हेतु भू-व्यपवर्तन के ऐसे प्रकरण जिनमें आवेदित भूमि का कुल रकबा 1200 वर्गमीटर से कम है पर छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अनुसार विकास की परिभाषा में कृषि को भूखण्ड किया जाना शामिल है।
ऐसे में अब बिना लेआउट पास कराये भूखण्ड का विभाजन अवैध होगा। शर्त अधिरोपित करते हुए 1200 वर्गमीटर से छोटी भूमियों का भू-व्यपवर्तन एवं पुनर्निधारण करने की कार्यवाही किए जाने संबंधी दिशा-निर्देश संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश नवा रायपुर अटल नगर द्वारा जारी किए गए है।