Wednesday, March 26, 2025
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Dhan Ka Nahi Mila Paisa : धान बेचने के बाद भी नहीं मिल रहा पैसा, बैंक में कैश की किल्लत, किसान परेशान

Baramkela News : छत्तीसगढ़ के बरमकेला क्षेत्र के किसान (Dhan Ka Nahi Mila Paisa) एक नई समस्या से जूझ रहे हैं। धान खरीदी को बंद हुए एक माह बीत चुका है, लेकिन किसानों को उनके पैसे निकालने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सहकारी बैंकों में कैश की किल्लत इस कदर बढ़ गई है कि किसान (Dhan Ka Nahi Mila Paisa) सुबह से लेकर शाम तक कतारों में खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

किसानों (Dhan Ka Nahi Mila Paisa) में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि जब उन्होंने सरकार को समर्थन मूल्य पर धान बेचा, तो अब अपने ही पैसे निकालने के लिए इतनी परेशानी क्यों उठानी पड़ रही है?

बैंकों में कैश का संकट, किसान परेशान (Dhan Ka Nahi Mila Paisa)

क्षेत्र के सहकारी बैंकों में नकदी की भारी कमी हो गई है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल पा रहा है। हालात यह हैं कि जो किसान (Dhan Ka Nahi Mila Paisa) अपने खातों से एक से दो लाख रुपये निकालना चाहते हैं, उन्हें अधिकतम 20 से 25 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

बैंकों के बाहर हर दिन लंबी कतारें लग रही हैं। किसानों को उम्मीद रहती है कि आज उन्हें उनके पैसे मिल जाएंगे, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी निराशा ही हाथ लगती है। इससे बैंक परिसर में रोजाना गहमागहमी और धक्का-मुक्की की स्थिति बन रही है।

किसानों की बढ़ती नाराजगी (Dhan Ka Nahi Mila Paisa)

बरमकेला के कई किसान इस स्थिति को लेकर काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि एक तरफ सरकार किसान हितैषी होने के दावे करती है, दूसरी तरफ उन्हें अपनी ही मेहनत की कमाई पाने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है।

किसान मंगलू साहू का कहना है, “हमने मेहनत से धान उगाया, समर्थन मूल्य पर बेचा, लेकिन अब पैसे निकालने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। बैंक वाले हर दिन बस यह कहते हैं कि कैश नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम अगले साल धान बेचने से पहले सौ बार सोचेंगे।”

वहीं, किसान जीवन सिंह ने कहा, “हमारा पूरा खर्चा खेती पर ही निर्भर करता है। उर्वरक, कीटनाशक, घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे की जरूरत होती है। अगर बैंक हमें हमारे पैसे ही नहीं देगा, तो हम कैसे गुजारा करेंगे?”

बैंक अधिकारी क्या कह रहे हैं (Dhan Ka Nahi Mila Paisa)

बैंक अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय से समय पर नकदी नहीं मिल रही है, जिससे यह समस्या बनी हुई है। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमारी मजबूरी है। नकदी की उपलब्धता सीमित है, इसलिए हम किसानों को छोटे भुगतान दे रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पैसे मिल सकें। लेकिन स्थिति वाकई चिंताजनक है।”

सरकार और प्रशासन को करनी होगी कार्रवाई

बढ़ती नाराजगी को देखते हुए किसानों ने प्रशासन से इस समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की है। अगर जल्द ही नकदी की समस्या हल नहीं हुई, तो किसान प्रदर्शन करने पर मजबूर हो सकते हैं।

सरकार को चाहिए कि बैंकों में पर्याप्त कैश उपलब्ध कराए और किसानों को उनके पैसे समय पर दिलाने की व्यवस्था करे। अगर यही हालात बने रहे तो किसानों का बैंकिंग व्यवस्था और सरकार पर से भरोसा उठ सकता है।

बरमकेला के किसानों (Dhan Ka Nahi Mila Paisa) को राहत कब मिलेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल वे अपनी ही गाढ़ी कमाई पाने के लिए हर दिन बैंक के बाहर उम्मीद और मायूसी के बीच जूझ रहे हैं।

 

 

 

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