Kawasi Lakhma Arrested : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam Case) मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया है।
बुधवार को यह उनकी तीसरी बार ED कार्यालय में पूछताछ के लिए जाने का अवसर था, जहां उनकी गिरफ्तारी हुई। उन्हें शाम तक अदालत में पेश किया जा सकता है, जबकि उनके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इससे पहले, ED अधिकारियों ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा (Chhattisgarh Liquor Scam Case) से 8-8 घंटे की पूछताछ की थी।
कार्यालय में प्रवेश करने से पहले लखमा ने कहा, “देश में कानून के अनुसार ही सब कुछ चलता है। अगर मुझे कानून के अनुसार बुलाया जाएगा, तो मैं 25 बार आऊंगा। ED के अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का मैं जवाब दूंगा और उनका सम्मान करूंगा।”
ED के अधिकारियों ने आज कवासी को पूछताछ के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के साथ बुलाया था। लेकिन वह अकेले ही ED कार्यालय पहुंचे। लखमा ने बताया कि उनके CA बाहर हैं, इसलिए वह नहीं आ सके। लखमा अपने बेटे के साथ आए थे, हालांकि उनके बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है (Chhattisgarh Liquor Scam Case)
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही है। ED ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है, जिसमें दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का उल्लेख किया गया है।
जांच में यह सामने आया है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल के दौरान IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी और व्यवसायी अनवर ढेबर के बीच एक अवैध सिंडिकेट के माध्यम से यह घोटाला किया गया था।
ED द्वारा दर्ज की गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।