Ambala News : हरियाणा के अंबाला में एक रिटायर्ड फौजी ने दहला देने वाली वारदात (Ambala Murder) को अंजाम दिया। उसने रविवार देर रात मां, छोटे भाई, उसकी पत्नी और तीन मासूम बच्चों की गला काटकर हत्या कर दी। इतना नहीं, शटरिंग की बल्लियों की चिता बनाकर शवों को जलाने का प्रयास किया।
सामूहिक हत्याकांड (Ambala Murder) की जांच के लिए डीएसपी की अगुवाई में एसआइटी गठित कर दी गई है। अंबाला के एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया के मुताबिक करीब एक एकड़ भूमि और उसके रास्ते को लेकर दोनों भाइयों में लंबे समय से विवाद चल रहा था। रिटायर्ड फौजी समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अंबाला के रतोर गांव निवासी 68 वर्षीय ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया कि उसके चार बच्चे हैं। इनमें दो बेटी और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा भूषण सात साल पहले सेना से रिटायर हो गया था। ओमप्रकाश और उसकी पत्नी 65 वर्षीय सुरती देवी के नाम सवा दो एकड़ जमीन थी जो उसने दोनों बेटों में बांट दी थी।
इसमें करीब एक एकड़ जमीन को भूषण अपने नाम कराने की जिद कर रहा था। उसका साला भी इसके लिए दबाव बना रहा था। इसको लेकर लंबे समय से विवाद था। ओमप्रकाश और उसकी पत्नी सुरती देवी भूषण के साथ ही रहते थे। रविवार को ओमप्रकाश नारायणगढ़ गया था। रात नौ बजे लौटा तो देखा कि घर पर भूषण, उसकी पत्नी पूनम, लड़का मक्खन और प्रिंस, भूषण के साले टोनी और जोनी व साली बेबी आए थे। जमीन को लेकर बातचीत चल रही थी।
ओमप्रकाश और सुरती देवी बाहर बेड़े में कुर्सी पर बैठ गए। कुछ देर बाद रात साढ़े नौ बजे सभी आरोपित हाथ में गंडासी, कुल्हाड़ी, डंडे व अन्य हथियार लेकर वहां गए। इसी बीच भूषण कुल्हाड़ी लेकर आया और सबसे पहले मां पर गंडासी से हमला कर दिया। पिता के सिर पर गंडासी से वार किया।
इसके बाद सभी छोटे भाई 35 वर्षीय हरीश के घर में घुस गए। लहूलुहान अवस्था में ओमप्रकाश भी हरीश के घर पहुंचा। वहां देखा कि भूषण ने परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर गंडासी से सभी पर हमला (Ambala Murder) कर दिया। वह जान बचाने के लिए छिपता हुआ ज्वार के खेत में छिप गया और करीब 300 मीटर दूर ट्यूबवेल पर पहुंचा और ट्यूबवेल मालिक के फोन से पुलिस को सूचना दी।
ओमप्रकाश गांव के लोगों को लेकर घर पहुंचा तो लोगों ने आग बुझाई। झुलस चुकी बच्ची की सांसें चल रही थी। उसने बाद में चंडीगढ़ पीजीआइ में दम तोड़ दिया। सोमवार देर सायं ओमप्रकाश को पीजीआइ से छुट्टी दे दी गई। मारे गए लोगों में हरीश की पत्नी सोनिया (32), उसकी बेटियां सात वर्षीय परी व पांच वर्षीय यशिका और छह माह का बेटा मयंक बी शामिल हैं।
पुलिस ने भूषण, उसकी पत्नी पूनम, बेटे खुशहाल उर्फ मक्खन समेत सात लोगों पर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर भूषण, उसकी पत्नी पूनम, साला मनीष उर्फ जोनी, अमल उर्फ टोनी निवासी गांव मंगलई को गिरफ्तार कर लिया।
पोस्टमार्टम में डाक्टरों ने पाया कि सभी शव करीब 50 प्रतिशत जले हुए थे। शवों के गले पर धारदार हथियार के गहरे निशान भी पाए गए। गर्दन पर तेजधार हथियार से वार के चलते सभी की खाने की नली और श्वसन नली पूरी तरह से कट चुकी थी।
हत्यारोपित भूषण सात वर्ष पहले सेना से रिटायर हुआ था। उसे एक्स सर्विसमैन कोटे से पीडब्ल्यूडी में बेलदार की नौकरी मिल गई थी। दिसंबर 2019 में उसका पशुपालन विभाग में बतौर पशु सहायक के तौर पर तबादला हो गया।
हरीश और भूषण दोनों के जाति प्रमाणपत्र अलग-अलग बने हुए हैं। इन्हीं जाति प्रमाण पत्रों के माध्यम से ही भूषण को सेना में नौकरी मिली थी जहां से अब उसे पेंशन आ रही है। हरीश ने भूषण की शिकायत कर रखी थी।
रात में एसपी घटनास्थल पर पहुंचे। एंबुलेंस कच्चे रास्ते पर करीब 700 मीटर दूर खड़ी कर दी गई। पुलिस ने लोगों की मदद से एक-एक शव को कंधे पर उठाया और वारदात स्थल से ट्रैक्टर-ट्राली की मदद से एंबुलेंस तक पहुंचाया।