Bilaspur News : छत्तीसगढ़ के चार प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में हाल ही में एक रोमांचक दृश्य देखने को मिला।
जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों ने एक बाघिन को उसके नन्हे शावकों के साथ घूमते हुए देखा, जिसका वीडियो और तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
इस दुर्लभ नजारे ने वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को रोमांचित कर दिया है। बाघिन का यूं खुले में शावकों के साथ नजर आना अचानकमार के समृद्ध जैव विविधता और बाघ संरक्षण की सफलता का संकेत है।
सफारी के दौरान मिला दुर्लभ अनुभव (Achanakmar Tiger Reserve)
रविवार को अचानकमार टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान कुछ पर्यटकों को अचानक एक बाघिन अपने तीन नन्हे शावकों के साथ दिखी।
पर्यटकों के मुताबिक, बाघिन अपने शावकों के साथ बेहद शांत नजर आ रही थी और कुछ समय तक वे खुले क्षेत्र में टहलती रही।
यह दृश्य न सिर्फ पर्यटकों बल्कि सफारी गाइड और वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी अद्भुत था, क्योंकि छोटे शावकों को खुले में देखना दुर्लभ माना जाता है।
पर्यटकों में से एक ने बताया, “हमने सोचा भी नहीं था कि हमें इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा। बाघिन को इतने करीब से शावकों के साथ देखना एक अविस्मरणीय अनुभव था।”
कैमरा ट्रैप में पहले भी दिखी थी बाघिन (Achanakmar Tiger Reserve)
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह बाघिन पहले भी जंगल में लगे कैमरा ट्रैप में कैद हो चुकी थी, लेकिन उसके शावकों की मौजूदगी का पहली बार खुलासा हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शावकों की उम्र लगभग तीन से चार महीने के बीच हो सकती है, और वे धीरे-धीरे अपने प्राकृतिक परिवेश से परिचित हो रहे हैं।
वन विभाग की सतर्कता बढ़ी (Achanakmar Tiger Reserve)
बाघिन और उसके शावकों के दिखाई देने के बाद वन विभाग ने इलाके में सुरक्षा और गश्त बढ़ा दी है। छोटे शावकों को विशेष सुरक्षा की जरूरत होती है, क्योंकि वे अभी शिकार करना नहीं सीखते और पूरी तरह अपनी मां पर निर्भर रहते हैं।
वन विभाग ने आसपास के क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों और किसी भी अवैध शिकार की संभावना को रोकने के लिए विशेष टीमें तैनात कर दी हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व के एक अधिकारी ने कहा, “हम शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रहे हैं। अवैध शिकार रोकने के लिए पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है।”
बाघ संरक्षण के लिए सकारात्मक संकेत (Achanakmar Tiger Reserve)
छत्तीसगढ़ का अचानकमार टाइगर रिजर्व राज्य के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है, जहां बाघों सहित कई दुर्लभ वन्यजीव पाए जाते हैं।
बाघिन के शावकों के साथ देखे जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि जंगल में बाघों की संख्या बढ़ रही है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक उत्साहजनक संकेत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जंगल का माहौल सुरक्षित और अनुकूल बना रहा, तो आने वाले वर्षों में अचानकमार में बाघों की आबादी में और भी वृद्धि हो सकती है। वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों के लिए यह खबर बेहद सकारात्मक और आशाजनक मानी जा रही है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व की खासियत (Achanakmar Tiger Reserve)
अचानकमार टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और कवर्धा जिलों में फैला हुआ है और यह मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से भी जुड़ा हुआ है।
यह रिजर्व अपनी घनी हरियाली, वन्यजीवों की समृद्धता और विविध जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां न केवल बाघ, बल्कि तेंदुआ, भालू, गौर, सियार, नीलगाय और कई अन्य दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं।
पर्यटकों में बढ़ी रुचि (Achanakmar Tiger Reserve)
बाघिन और शावकों को देखने के बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व की लोकप्रियता में और इजाफा होने की संभावना है। वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफर्स के लिए यह जगह पहले से ही आकर्षण का केंद्र रही है, लेकिन अब यहां सफारी का रोमांच और बढ़ गया है।
वन विभाग अब इस क्षेत्र में पर्यटन को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहा है, जिससे अधिक से अधिक लोग जंगल सफारी का आनंद ले सकें और बाघ संरक्षण को भी बढ़ावा मिले।
अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में बाघिन और शावकों का दिखना वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में बाघों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
वन विभाग की सतर्कता और बढ़ाए गए सुरक्षा उपायों से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में अचानकमार एक और बड़ा टाइगर हब बन सकता है।
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