Ambikapur News : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसईबी) लखनपुर के सहायक अभियंता सचिन भगत (Acb Raid Lakhanpur) को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) सरगुजा की टीम ने 27 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने औद्योगिक बिजली कनेक्शन देने के बदले 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। सौदा 27 हजार रुपये में तय हुआ, जिसके बाद अंबिकापुर स्थित कार्यपालन अभियंता कार्यालय में रिश्वत की रकम लेते ही उसे पकड़ लिया गया।
कैसे हुआ खुलासा (Acb Raid Lakhanpur)
लखनपुर क्षेत्र के ग्राम केंवरी निवासी चंदन सिंह ने मेसर्स सीबी ब्रिक्स के नाम से फ्लाई ऐश ईंट निर्माण का उद्योग स्थापित किया है। औद्योगिक बिजली कनेक्शन के लिए उसने सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली थीं और निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया था। इसके बावजूद सहायक अभियंता सचिन भगत (Acb Raid Lakhanpur) ने कनेक्शन देने में टालमटोल शुरू कर दी और 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
चंदन सिंह ने भ्रष्टाचार (Acb Raid Lakhanpur) के आगे झुकने की बजाय एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) सरगुजा में इसकी शिकायत कर दी। शिकायत की सत्यता की जांच के दौरान अभियंता 27 हजार रुपये में सौदा करने को तैयार हो गया। उसने आवेदक को कार्यपालन अभियंता कार्यालय, अंबिकापुर बुलाया, जहां पहले से ही डीएसपी प्रमोद खेस और निरीक्षक शरद सिंह के नेतृत्व में एसीबी की टीम तैनात थी।
गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम (Acb Raid Lakhanpur)
जैसे ही सहायक अभियंता ने रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके पर ही उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने आरोपी अभियंता की संपत्ति और अन्य आय स्रोतों की जांच शुरू कर दी है।
बिजली विभाग में भ्रष्टाचार पर सवाल (Acb Raid Lakhanpur)
यह मामला उजागर होने के बाद बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार (Acb Raid Lakhanpur) पर सवाल उठने लगे हैं। औद्योगिक बिजली कनेक्शन के नाम पर रिश्वतखोरी के इस मामले से साफ है कि कैसे आम नागरिकों और उद्यमियों को सरकारी कामों के लिए अतिरिक्त धन देने पर मजबूर किया जाता है।
इस कार्रवाई के बाद अन्य विभागों में भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की मांग तेज हो गई है। एसीबी ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उनसे कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो वे तुरंत इसकी शिकायत करें, ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।