Brinjal Farming : बैंगन की खेती: साधारण फसल नहीं, बन सकती है लाखों की कमाई का जरिया

Farming Tips : बैंगन की सब्‍जी वह खेती है जिसमें लागत बहुत कम आती है और मुनाफा बहुत ज्‍यादा होता है। एक हेक्टेयर भूमि में बैंगन की खेती करने में लगभग 40-50 हजार रुपये का खर्च आता है। बैंगन की फसल 4-5 महीनों में तैयार हो जाती है और एक हेक्टेयर से करीब 250-300 क्विंटल तक उपज मिल सकती है।

खेती को अक्सर लोग साधारण पेशा मानते हैं, लेकिन सही योजना और आधुनिक तकनीक के साथ यही खेती किसानों को करोड़पति भी बना सकती है। बैंगन की खेती इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। बैंगन को भारत में ‘सब्जियों का राजा’ कहा जाता है क्योंकि इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। इसकी खासियत यह है कि कम लागत में ज्यादा उत्पादन मिलता है और बाजार में अच्छे दाम मिलने से किसान बड़ी कमाई कर सकते हैं।

कैसे होगा ज्‍यादा मुनाफा

बैंगन की सब्‍जी वह खेती है जिसमें लागत बहुत कम आती है और मुनाफा बहुत ज्‍यादा होता है। एक हेक्टेयर भूमि में बैंगन की खेती करने में लगभग 40-50 हजार रुपये का खर्च आता है। बैंगन की फसल 4-5 महीनों में तैयार हो जाती है और एक हेक्टेयर से करीब 250-300 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। अगर औसतन बाजार भाव 15-20 प्रति किलो भी मिले, तो किसान एक हेक्टेयर से 4-6 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं। यह एक बेहतरीन अवसर है कि किसान (Brinjal Farming) के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

सही किस्में और तकनीक

अगर किसान ज्यादा मुनाफा चाहते हैं तो उन्हें हाई-यील्डिंग और हाइब्रिड किस्मों का चुनाव करना चाहिए। हाइब्रिड किस्मों में पूसा क्रांति, पूसा भैरव, अर्का नीलकंठ और अर्का शिरीन शामिल हैं। ये किस्में रोग प्रतिरोधक होती हैं और ज्यादा उपज देती हैं। बैंगन की खेती के लिए दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। हल्की गर्म जलवायु में इसकी पैदावार अधिक होती है।

फसल की देखभाल

बैंगन की फसल को समय-समय पर सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर फूल और फल लगने के समय। अच्छी पैदावार के लिए जैविक खाद और संतुलित उर्वरकों का उपयोग जरूरी है। फल छेदक कीट और झुलसा बीमारी से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। किसान (Brinjal Farming) के सही प्रबंधन से बम्पर उत्पादन पा सकते हैं।

सरकारी मदद

बैंगन न केवल घरेलू बाजार में बल्कि विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। बैंगन से बनने वाले अचार, पेस्ट और फ्रोजन सब्जियों का (Brinjal Farming) एक्सपोर्ट बाजार में खूब बिकता है। सरकार बैंगन समेत सब्जियों की आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और तकनीकी सहायता देती है। किसान अगर नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ें तो उन्हें आधुनिक तकनीक और मार्केटिंग की जानकारी भी आसानी से मिल सकती है। इससे किसान अपनी आमदनी कई गुना बढ़ा सकते हैं और (Brinjal Farming) को लाभकारी बना सकते हैं।