Chhattisgarh News : गैंगस्टर अमन साहू (Gangster Aman Sav) को एक एनकाउंटर में मार गिराया गया है। कल शाम 8:11 बजे झारखंड पुलिस उसे रायपुर से रांची ले जाने के लिए रवाना हुई थी। पुलिस के अनुसार, इसी दौरान उसकी गाड़ी पलामू के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद अमन ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की।
सूत्रों के मुताबिक, उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। इसके जवाब में पुलिस की टीम ने उसे गोली मार दी। अमन को 14 अक्टूबर को एक कारोबारी पर फायरिंग के मामले में रायपुर लाया गया था, और तब से वह रायपुर की सेंट्रल जेल में 148 दिन तक बंद था।
रांची फायरिंग मामले में पुलिस वापस लौट रही थी (Gangster Aman Sav)
रांची के बरियातू थाना क्षेत्र में स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के पास 7 मार्च को कोयला व्यापारी बिपिन मिश्रा की कार पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस घटना में बिपिन मिश्रा और उनके ड्राइवर को भी गोली लगी। जब कोयला व्यापारी के बॉडीगार्ड ने जवाबी फायरिंग की, तो हमलावर मौके से फरार हो गए।
सूत्रों के अनुसार, यह फायरिंग जेल में बंद अमन साव (Gangster Aman Sav) के निर्देश पर उसके गुर्गों द्वारा की गई थी। इसी मामले की जांच के लिए झारखंड पुलिस गैंगस्टर अमन साव को रायपुर ले जाने पहुंची थी।
टीम उच्च सुरक्षा से सुसज्जित थी (Gangster Aman Sav)
गैंगस्टर अमन को जिस वाहन में ले जाया जा रहा था, उसमें पुलिस की एक टीम उच्च सुरक्षा और हथियारों से लैस थी। पहले साव को गाड़ी में बैठाया गया, फिर दोनों तरफ बंदूकधारी पुलिसकर्मी तैनात हुए। झारखंड पुलिस की एक और टीम एक अलग गाड़ी में आगे चल रही थी।
8 जिलों में 50 से अधिक मामले दर्ज (Gangster Aman Sav)
अमन साहू (साव) के खिलाफ रांची समेत राज्य के विभिन्न थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। अमन का गिरोह रांची के अलावा रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में रंगदारी मांगने के लिए सक्रिय है।
यह गिरोह कोल माइनिंग कंपनियों, कोयला व्यवसायियों, ट्रांसपोर्टरों, बिल्डरों, ठेकेदारों और अन्य कारोबारियों को अपना निशाना बना रहा है। यदि उन्हें रंगदारी नहीं मिलती, तो गिरोह के सदस्य उन कारोबारियों के कार्यालयों पर फायरिंग कर उन्हें धमकाते हैं या फिर उन्हें गोली मार देते हैं।
पिछले 6 महीनों में रंगदारी मांगने और गोलीबारी के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। गैंगस्टर अमन के गिरोह के डर से कई कारोबारी अब घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि उन्हें चिंता रहती है कि कहीं उन पर रंगदारी न देने के कारण फायरिंग न की जाए।