Suspended IFS Officer House Raid : निलंबित डीएफओ अशोक पटेल के घर से मिले बेशुमार संपत्ति, 90 जमीन, 12 घर, करोड़ों के बीमा समेत…

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Suspended IFS Officer House Raid
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Chhattisgarh News : वन, शिक्षा और आदिवासी विकास विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ 3 मार्च को ईओडब्ल्यू-एसीबी (Suspended IFS Officer House Raid) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया।

इसके छह दिन बाद, रविवार की सुबह, उनके घरों, बंगलों, कार्यालयों और करीबियों सहित 16 स्थानों पर छापेमारी की गई।

छापे (Suspended IFS Officer House Raid) के दौरान, निलंबित डीएफओ अशोक पटेल के सरकारी बंगले से 5 लाख रुपये और उनके पैतृक घर से 15 लाख रुपये नकद बरामद हुए।

इसके अलावा, 90 भूखंडों और 12 से अधिक मकानों के दस्तावेज भी मिले हैं। एक करोड़ रुपये से अधिक के एलआईसी निवेश के दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं।

डिप्टी कमिश्नर और डीएमसी के निवास पर 70 से अधिक भूखंडों और मकानों के कागजात के साथ-साथ बीमा में लाखों रुपये के निवेश के दस्तावेज भी मिले हैं। रात 10 बजे तक एजेंसी की जांच जारी रही।

ईओडब्ल्यू-एसीबी (Suspended IFS Officer House Raid) के अधिकारियों ने बताया कि सुकमा के पूर्व डीएफओ अशोक पटेल, समग्र शिक्षा के पूर्व डीएमसी श्याम सुंदर सिंह चौहान और बीजापुर के आदिवासी विकास विभाग के डिप्टी कमिश्नर आनंद जी सिंह के खिलाफ पहले से ही भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज हैं।

तीनों पर आरोप है कि अशोक ने 3 करोड़ और श्याम सुंदर तथा आनंद ने 2-2 करोड़ की संपत्ति आय से अधिक अर्जित की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लाखों रुपए की राशि प्रॉपर्टी में निवेश की है।

शिकायतों की जांच के बाद, शासन ने पहले ही अशोक और श्याम सुंदर को निलंबित कर दिया था। उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। 3 मार्च को ईओडब्ल्यू ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसके बाद छापेमारी की गई।

रायगढ़ कृष्ण वाटिका के रहने वाले डीएफओ (Suspended IFS Officer House Raid)

सुकमा के पूर्व डीएफओ अशोक पटेल (Suspended IFS Officer House Raid) जो कृष्ण वाटिका रायगढ़ के निवासी हैं, लंबे समय से बस्तर संभाग में कार्यरत हैं। उन पर आरोप है कि 2021-2022 में सुकमा में तेंदूपत्ता बोनस वितरण में उन्होंने व्यापक भ्रष्टाचार किया।

सुकमा वनमंडल को सरकार से 6 करोड़ 54 लाख रुपए का बोनस मिला था, जिसे 66 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित किया जाना था।

हालांकि, 8 महीने तक पैसे का भुगतान नहीं किया गया। कैश भुगतान में अनियमितताएं पाई गईं और बाद में कुछ ऐसे व्यक्तियों को भुगतान किया गया जिनका निधन हो चुका था। इस मामले का खुलासा होने के बाद, सरकार ने 3 मार्च को अशोक को निलंबित कर दिया।

 

आदिवासी बच्चों के अधिकारों पर भ्रष्टाचार का मामला

डिप्टी कमिश्नर अशोक पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी बच्चों के लिए आवंटित धन में गड़बड़ी की है और बिलों में भी धोखाधड़ी की है। इसी प्रकार के आरोप श्याम सुंदर सिंह चौहान पर भी लगाए गए हैं।

दोनों ने फर्जी बिलों के माध्यम से पैसे प्राप्त किए हैं और इन भ्रष्टाचार के धन का उपयोग संपत्ति खरीदने में किया है। उनके पास लाखों की ज्वेलरी खरीदने के सबूत भी मिले हैं। छापे के दौरान दोनों के घरों से नकद, ज्वेलरी और संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

इतने जगहों पर की गई छापेमार (Suspended IFS Officer House Raid)

एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने एक साथ सुकमा, छिंदगढ़, कोंटा, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम, दंतेवाड़ा सहित 16 स्थानों पर छापे मारे हैं। कुछ स्थानों पर ताले लगे हुए थे, और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।

निलंबित डीएफओ अशोक पटेल के रायगढ़, जगदलपुर और पुसौर निवास स्थान के साथ सारंगढ़ में उनके ससुराल में भी छापेमारी की गई। इस दौरान तीनों ही जगहों से बेशुमार संपत्ति के सबूत मिले हैं।

 

 

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