Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार ने (27 Doctors Dismissed) बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
ये सभी डॉक्टर तीन साल से अधिक समय से बिना अनुमति के अनुपस्थित थे, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। इसके अलावा, 21 अन्य चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।
अनाधिकृत अनुपस्थिति पर हुई सख्ती (27 Doctors Dismissed)
स्वास्थ्य विभाग ने लंबे समय से बिना सूचना दिए अनुपस्थित डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज नोटिस) जारी किया था। लेकिन इनमें से कई ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जबकि कुछ ने नोटिस का जवाब ही नहीं दिया। इसके बाद, सभी मामलों की सुनवाई की गई, जहां उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों के पक्ष को गंभीरता से सुना गया। लेकिन उनके स्पष्टीकरण को अस्वीकार कर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर (27 Doctors Dismissed)
तीन साल से अधिक समय तक अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों की वजह से कई सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही थीं। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही सीमित हैं, वहां इन डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस कार्रवाई के बाद सरकार अब जल्द ही इन पदों पर नई नियुक्तियां करने की योजना बना रही है।
किन डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त हुईं (27 Doctors Dismissed)
स्वास्थ्य विभाग ने जिन 27 चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की हैं, वे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में पदस्थ थे। इनमें प्रमुख रूप से रायगढ़, दंतेवाड़ा, सरगुजा, अंबिकापुर, बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, गरियाबंद, बिलासपुर, मुंगेली और बलौदाबाजार के डॉक्टर शामिल हैं।
सेवा समाप्त किए गए प्रमुख डॉक्टरों की सूची इस प्रकार है (27 Doctors Dismissed)
डॉ. डी. प्रशांत कुमार (रायगढ़)
डॉ. वंदना पटेल लोइंग (रायगढ़)
डॉ. देवेंद्र प्रताप (गीदम, दंतेवाड़ा)
डॉ. अशोक गुप्ता (धौरपुर, सरगुजा)
डॉ. शिशिर चंद्राकर (अंबिकापुर)
डॉ. गीता पैकरा (उदयपुर)
डॉ. सौरभ अग्रवाल और डॉ. दीपिका अग्रवाल (खरसिया)
डॉ. विवेक साहू और डॉ. विश्वजीत करकड़े (बोड़रा, बालोद)
डॉ. अपराजिता माहेश्वरी (राजनांदगांव)
डॉ. नेहा सरजल (गरियाबंद)
डॉ. ईशा अरविंद (कुम्हारी, दुर्ग)
डॉ. जीशान अतीव दानी और डॉ. अवधेश प्रताप सिंह (बटरेल, दुर्ग)
डॉ. श्रुति तिवारी (झीट, दुर्ग)
डॉ. मानवेंद्र जंघेल (दुर्ग)
डॉ. देवेश प्रधान (बैकुंठपुर)
डॉ. तरुण नायक (जगदलपुर)
डॉ. नागेंद्र सोनवानी (अर्जुनी, बलौदाबाजार)
डॉ. योगेश थाबर्डे (बिटकुली, बलौदाबाजार)
डॉ. दीक्षा मरकाम (मुंगेली)
डॉ. तान्या मिश्रा (लोरमी)
डॉ. संदीप तिवारी और डॉ. प्रणवकांत अंधारे (बिलासपुर)
डॉ. कृतिका साहू (मुंगेली)
21 अन्य डॉक्टरों पर विभागीय जांच के आदेश (27 Doctors Dismissed)
इसके अलावा, 21 चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। ये डॉक्टर भी लंबे समय से अनुपस्थित थे, लेकिन विभाग ने उनकी स्थिति की पूरी जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में कोई भी डॉक्टर बिना अनुमति के लापता न रहे। विभागीय स्तर पर सख्त निगरानी व्यवस्था बनाई जाएगी ताकि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति नियमित बनी रहे।