Wheat Farming Profit : कम खर्च में ज्यादा पैदावार, किसानों के लिए वरदान बनी नई तकनीक से गेहूं खेती

Wheat Farming Profit : परंपरागत विधि की अपेक्षा उन्नत तकनीकी से गेहूं की फसल से किसानों को अधिक लाभ हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप कृषि विभाग और उद्यान विभाग द्वारा कृषकों को आधुनिक तरीकों से खेती करने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ ही तकनीकी मार्गदर्शन देकर किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की जा रही है।

फरसाबहार विकासखंड के ग्राम बोखी के 60 वर्षीय किसान गणेश राम यादव ने बताया कि वे पहले परंपरागत देशी विधि से खेती करते थे, जिससे प्रति एकड़ केवल 4 से 5 हजार रुपए की शुद्ध आय प्राप्त होती थी। इस वर्ष एसएमएसपी योजना अंतर्गत 0.400 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की किस्म जीडब्ल्यू 322 को उन्नत तकनीक से लगाया। परिणामस्वरूप उन्हें प्रति एकड़ 7 क्विंटल की उपज प्राप्त हुई और इस खेती से शुद्ध आय 16 हजार रुपए तक पहुंच गई। यह बदलाव साबित करता है कि (Wheat Farming Profit) किसानों के लिए भविष्य की राह है।

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी फरसाबहार ने किसानों को उन्नत तकनीक अपनाने हेतु प्रेरित और प्रोत्साहित किया तथा गेहूं बीज का वितरण किया। फसल प्रदर्शन को देखकर अन्य कृषक भी आगामी रबी फसल में इस तकनीक को अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं। विभाग का मानना है कि इससे न केवल पैदावार बढ़ेगी, बल्कि लागत भी घटेगी और (Wheat Farming Profit) में इजाफा होगा।

किसान गणेश राम यादव ने भी कहा कि आगामी वर्ष वे अधिक क्षेत्र में गेहूं की खेती करेंगे और पूरी तरह उन्नत तकनीकी को अपनाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वे अन्य किसानों को भी इस विधि से खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार, आधुनिक तकनीक से गेहूं उत्पादन न केवल आर्थिक मजबूती लाता है, बल्कि बेहतर गुणवत्ता वाली फसल भी देता है।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती लागत की चुनौतियों के बीच आधुनिक तकनीकी खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। यदि किसान वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाते हैं तो (Wheat Farming Profit) लगातार बढ़ेगा और उनकी आमदनी दोगुनी करने के सपने साकार हो सकेंगे।