Titanic : टाइटैनिक के मलबे को देखने गई पनडुब्बी खुद हुई ‘मलबा’, इस हालत में आई समुद्र से बाहर

Titanic : समुद्र में डूबे टाइटैनिक जहाज (Titanic) को देखने के लिए निकली टाइटन पनडुब्बी का मलबा निकाल लिया गया है। यह मलबा समुद्र में लगभग 12 हजार फीट गहराई में मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसाग्रस्त पनडुब्बी में मानव अवशेष मिलने का दावा भी किया जा रहा है। इस सर्च अभियान को लीड कर रहे यूएस कोस्टगार्ड के मुताबिक, टाइटन में भारी दबाव की वजह से विस्फोट हुआ था, जिससे इसमें सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई थी।789639 capture

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पनडुब्बी (Titanic) के मलबे को खोजकर कनाडा के सेंट जॉन्स बंदरगाह पर लाया जा रहा है। बता दें कि 18 जून को ओशियनगेट कंपनी की टाइटन पनडुब्बी टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के सफर पर निकली थी। लेकिन सफर के 2 घंटे के भीतर ही इससे कनेक्शन टूट गया था। इस पनडुब्बी में 5 लोग सवार थे जो कि जाने माने अरबपति थे। इनमें ओशियनगेट के सीईओ स्टॉकन रश, शहजादा दाऊद, सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और पॉल हेनरी नार्जियोलेट शामिल थे।789640 capture

टाईटैनिक जहाज से इतनी दूरी पर मिला मलबा : रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक (Titanic) जहाज से 16 सौ फीट की दूरी पर मिला है। वहीं अगर गहराई की बात करें तो यह समुद्र में करीब 12 हजार 5 सौ फीट की गहराई में प्राप्त हुआ है जानकारी के मुताबिक उत्तरी अंटलांटिक में मलबे को ढूंढ़ने के लिए यूएस कोस्ट गार्ड के नेतृ्त्व में कनाडा, फ्रांस और यूके की जांच एजेंसियों की तरफ से बहुराष्ट्रीय सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था।

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मानव अवशेष मिले :  यूएस कोस्ट गार्ड के हेड जैसन न्यूबेयर ने बताया कि, 22 फीट लंबी पनडुब्बी (Titanic) किस वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुई यह पता लगाने के लिए अभी बहुत काम बाकी है। इसकी वजह पता लगने से आगे इस तरह की घटना न हो यह समझने में सहायता मिलेगी। न्यूबेयर के मुताबिक, ‘मलबे में जो मानव अवशेष मिले हैं उनकी जांच अमेरिका में विशेषज्ञों की निगरानी में की जाएगी। मलबे की जांच के बाद ही हादसे के सटीक कारण का पता चल पाएगा।’ कहा जा रहा है कि पनडुब्बी के मलबे में जो टुकड़े बरामद हुए हैं वो आकार में काफी छोटे हैं। अमेरिका समेत कनाडा व यूरोप की कुछ जांच एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं।789646 capture

ऐसे हुई खोज : टाइटन (Titanic) पनडुब्बी के लापता होने की सूचना मिलते ही अमेरिका समेत कनाडा और यूरोप की इंवेस्टीगेशन टीम इसको ढूंढने के अभियान में लग गई। हालांकि 4 दिनों तक खोज करने के बाद भी पनडुब्बी का पता नहीं लगाया जा सका था। इसके बाद सर्च टीमों ने रोबोटिक सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक के पास मिलने की बात कही गई। पनडुब्बी के मलबे की खोज कनाडाई जहाज होराइजन आर्कटिक की सहायता ली गई। होराइजन जहाज पनडुब्बी के टुकड़ों की खोज के लिए एक आरओवी (दूर से संचालित वाहन) ले गया था।