Mahasamund News : स्कूलों में समय की पाबंदी को सुनिश्चित करने और अनुशासन बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। जिले के कई शिक्षकों को देर से पहुंचने और बिना कारण या पूर्व अनुमति के अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम (Teacher Discipline Notice) शिक्षा व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।
शासकीय प्राथमिक शाला भुरका के प्रधान पाठक धनुर्जय पटेल के खिलाफ लगातार देर से आने और समय से पहले विद्यालय छोड़ने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने उन्हें स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी उन्हें चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी आदतों में कोई सुधार नहीं आया। यह आचरण कार्य के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। अब उन्हें तीन कार्यालयीन दिनों के भीतर स्वयं उपस्थित होकर जवाब देना होगा। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु मामला उच्च कार्यालय को भेजा जाएगा।
इसी क्रम में जिला मिशन समन्वयक रेखराज शर्मा और सहायक संचालक एम.जी. सतीश नायर ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बावनकेरा का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इस पर संबंधित शिक्षकों को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। विभाग ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों की जवाबदेही तय करना बेहद आवश्यक है।
शिक्षा विभाग का यह कदम न केवल शिक्षकों में अनुशासन की भावना पैदा करेगा बल्कि छात्रों और अभिभावकों के बीच विश्वास भी बढ़ाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यदि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में दोहराई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सख्ती (Teacher Accountability Action) शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए अनिवार्य है।
